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तेजी से डिजिटल हो रहे दिल्ली के थाने, पुलिस कमिश्नर की महत्वपूर्ण योजना - दिल्ली पुलिस आईसीजेएस

पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव दिल्ली पुलिस को लगातार डिजिटल करने में जुटे हुए हैं. इस बारे में ईटीवी भारत की टीम ने मध्य जिला के डीसीपी संजय भाटिया से बातचीत की, जानिए उन्होंने क्या कहा..

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तेजी से डिजिटल हो रहे दिल्ली के थाने

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Published : Dec 3, 2020, 10:39 PM IST

Updated : Dec 10, 2020, 6:27 PM IST

नई दिल्लीः देश की सबसे स्मार्ट पुलिस कहे जाने वाली दिल्ली पुलिस के अधिकांश थाने काफी हद तक डिजिटल हो चुके हैं. चोरी के मामलों की एफआईआर हो या किसी दस्तावेज के खोने की गुमशुदगी दर्ज करानी हो, इसके लिए दिल्लीवासियों को थाने के चक्कर नहीं काटने होते. वह घर बैठे लैपटॉप या मोबाइल से इस काम को खुद पूरा कर सकते हैं. किस तरह से पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव दिल्ली पुलिस को लगातार डिजिटल कर रहे हैं, इस बारे में ईटीवी भारत ने मध्य जिला के डीसीपी संजय भाटिया से की बातचीत.

तेजी से डिजिटल हो रहे दिल्ली के थाने

डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि दिल्ली पुलिस लगातार डिजिटल होने की तरफ महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. इसी दिशा में पिछले कुछ समय के भीतर चार महत्वपूर्ण कदम पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की तरफ से उठाए गए हैं. उनके द्वारा उठाए गए इस प्रयास से ना केवल दिल्ली पुलिस, बल्कि दिल्ली की जनता को भी काफी सहूलियत मिलने जा रही है. इससे जहां एक तरफ पुलिस का काम आसान होगा तो वहीं शिकायतकर्ता को शिकायत करने से लेकर इंसाफ मिलने में बड़ी मदद मिलेगी.

ये चार डिजिटल कदम महत्वपूर्ण

सीसीटीएनएस- इस दिशा में उठाया गया सबसे पहला महत्वपूर्ण कदम सीसीटीएनएस है. दिल्ली पुलिस के सभी थाने सीसीटीएनएस से कनेक्ट हो चुके हैं और इसके जरिए फिलहाल थानों में काम चल रहा है. रोजनांचे से लेकर एफआईआर तक सीसीटीएनएस पर ही काटी जा रही है.


ई बीट बुक- दूसरा महत्वपूर्ण डिजिटल कदम ई- बीट बुक है. थाने के सभी बीट में तैनात पुलिसकर्मियों को एक खास तरह का मोबाइल दिया गया है, जिसमें वह अपने बीट से संबंधित सभी जानकारी को नोट करते हैं. पहले यह काम पुलिसकर्मी अपनी डायरी में करते थे. इस बुक को ट्रांसफर होते समय पुलिसकर्मी अगले पुलिसकर्मी को देगा जिससे उसे पहले ही दिन अपने क्षेत्र के बारे में पूरी जानकारी हो जाएगी.

आईसीजेएस- तीसरा महत्वपूर्ण डिजिटल कदम इंटर ऑपरेट क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम है. इसके तहत दिल्ली पुलिस थाने से ही ऑनलाइन चार्जशीट दाखिल करती है और वह कोर्ट में पहुंच जाती है. इससे ना केवल पुलिसकर्मी बल्कि अदालत का भी समय बचता है.

आईसीएमएस-चौथा महत्वपूर्ण कदम इंटीग्रेटेड कंप्लेंट मैनेजमेंट सिस्टम है, जिसके जरिए शिकायत की सिंगल विंडो बनाई गई है. इसके जरिए लोगों की शिकायत आसानी से ट्रैक हो सकेगी और उस पर क्या कार्रवाई हुई है, यह भी अपडेट शिकायतकर्ता को मिल सकेगा.

सीसीटीवी से होती है निगरानी

राजधानी में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और इनके जरिए निगरानी के लिए कंट्रोल रूम भी बने हुए हैं. अधिकांश थाने भी सीसीटीवी से लैस हैं. एसएचओ अपने कमरे में बैठकर पूरे थाने के चप्पे-चप्पे पर नजर रख सकते हैं. दिल्ली के महत्वपूर्ण स्थलों पर लगे सीसीटीवी कैमरे की निगरानी के लिए पुलिस मुख्यालय में भी कंट्रोल रूम बना हुआ है. सभी प्रमुख बाजारों की निगरानी भी सीसीटीवी के जरिये पुलिस करती है.

वेबसाइट से मिलेंगी ये सुविधाएं

डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर भी ऐसी तमाम सुविधाएं हैं, जिससे लोगों को बड़ी राहत मिलती है. उन्होंने बताया कि वाहन चोरी से लेकर चोरी की एफआईआर दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर जाकर खुद ही शिकायतकर्ता दर्ज कर सकता है.

किसी भी प्रकार का सामान खोने पर लॉस्ट रिपोर्ट काटनी हो या अपने नौकर/किरायेदार का सत्यापन कराना हो, इसके लिए भी ऑनलाइन ही आवेदन होता है. पुलिस कैरक्टर सर्टिफिकेट के लिए भी दिल्ली वासियों को थाने के चक्कर नहीं काटने होते. वह ऑनलाइन वेबसाइट से ही इसके लिए आवेदन कर सकते हैं और उनके मेल पर सीधा यह रिपोर्ट आ जाती है.

Last Updated : Dec 10, 2020, 6:27 PM IST

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