नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के थाना सेक्टर-126 पुलिस द्वारा एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन कराने के नाम पर छात्रों से लाखों रुपये हड़प कर फरार हो जाने वाला अंतर्राज्यीय जालसाज गैंग का लीडर और 25 हजार रुपये का इनामी आरोपी को थाना क्षेत्र के महामाया फ्लाईओवर के पास से आज गिरफ्तार किया गया है. अभियुक्त के कब्जे से 1 लाख 28 हजार रुपये नकद, 2 सोने की अंगूठी, एक सोने की जंजीर, 5 आधार कार्ड फर्जी और 2 मोबाइल फोन आदि बरामद हुए हैं.
आरोपी पर 25000 रुपये का इनाम था घोषित
मंगलवार को थाना सेक्टर-126 पुलिस द्वारा गैंग के लीडर और 25हजार रुपये का इनामी आरोपी यशवंत चौबे को महामाया फ्लाईओवर के पास से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी ने अपनी शिक्षा(एम.ए.) गृह जनपद आजमगढ़ से प्राप्त की है. इसके बाद उसके दिमाग में पैसा कमाने का जुनून सवार हुआ और वह अपने गृह जनपद से दिल्ली आ गया, जहां उसका संपर्क दीपक से हुआ. उसके बाद यशवंत चौबे ने दीपक के हुनर का लाभ उठाते हुए कैरियर से संबंधित कंपनियां खोलकर ठगी का खेल प्रारंभ कर दिया और इस खेल में महारथ हासिल कर ली. जिसके बाद लोगों को ठगना शुरू कर दिया. इसी गैंग के 2 सक्रिय सदस्य दीपक और राजेश पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी 3 जनवरी को राजेश उर्फ जय मेहता द्वारा उससे BGS ग्लोवल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बेंगलुरु में MBBS के कोर्स में दाखिला दिलाने के नाम पर कुल 13,98,000 रुपये लेकर फोन स्वीच ऑफ कर अपना कार्यालय बंद कर फरार हो गया है। जिसकी शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया था।
125 नोएडा में संचालित की जा रही थी संस्था
एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले मास्टरमाइंड और इनामी आरोपी की गिरफ्तारी और बरामदगी के संबंध में डीसीपी नोएडा हरीश चंदर ने बताया कि यह गैंग TRUTH ADVISORS CAREER CONSULTANCY नामक संस्था 125 नोएडा में अंतर्राज्यीय जालसाजी गैंग द्वारा संचालित की जा रही थी. जिसका सरगना यश चौबे है और इसने अपने जय मेहता, यशवंत चौबे, यश चतुर्वेदी आदि काल्पनिक नाम भी रख रखे हैं. उन्होंने बताया कि इस गैंग द्वारा NEET की परीक्षा में असफल विद्यार्थियों की डिटेल नैट से निकालकर उनसे संपर्क कर उन्हें अपने ऑफिस में बुलाकर उनकी काउंसलिंग करते हैं. तथा किसी MBBS कॉलेज में एडमिशन दिलाने का आश्वासन देकर उन्हें आश्वासन वाले कॉलेज के पास बुलाकर किसी होटल में वहां पहले से मौजूद अपने गैंग के अन्य सदस्य से मिलवाकर (जिसे उस कॉलेज का प्रशासनिक अधिकारी बताकर) एडमिशन कराने के नाम पर पैसों की डीलिंग कर पैसे ले लेते हैं.
अपने राज्य के कॉलेज में एडमिशन के नाम पर वसूलते थे 30-35 लाख रुपये