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'वन्दे मातरम्' को मिले राष्ट्रगान के समान दर्जा, 26 जुलाई तक टली सुनवाई

वन्दे मातरम् को राष्ट्रगान के समान मानने वाली मांग पर आज दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई टाल दी है. ये जनहित याचिका वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी.

दिल्ली हाईकोर्ट

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Published : Jul 23, 2019, 7:42 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने वन्दे मातरम् को राष्ट्रगान की तरह का दर्जा देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है. अब इस याचिका पर 26 जुलाई को सुनवाई होगी.

दरअसल, जिस बेंच के पास ये याचिका लिस्टेड थी वो बेंच आज सुनवाई के लिए बैठी ही नहीं. जिसकी वजह से आज सुनवाई टल गई.

'राष्ट्रगान को मिली प्राथमिकता'
याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में वन्दे मातरम् का अहम योगदान रहा है, लेकिन देश की आजादी के बाद राष्ट्रगान जन गण मन को तो प्राथमिकता दी गई लेकिन वन्दे मातरम् को भूला दिया गया.

वन्दे मातरम् के लिए कोई कानून भी नहीं बनाया गया है. याचिका में मांग की गई है कि सभी स्कूलों में वन्दे मातरम् को भी राष्ट्रगान की तरह बजाया जाए.

वंदे मातरम मौलिक कर्तव्य नहीं
बता दें कि 17 फरवरी 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 51ए यानी मौलिक कर्तव्य के तहत सिर्फ राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज का उल्लेख है, इसलिए वन्दे मातरम् को अनिवार्य नहीं किया जा सकता है.

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