नई दिल्ली:मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में इस साल दाखिले के लिए ओबीसी कैटेगरी के उम्मीदवारों को 27 फीसदी आरक्षण देने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है. याचिका नेशनल युनियन ऑफ बैकवर्ड क्लासेज के सचिव एस गीता ने दायर की है.
मेडिकल दाखिले में आरक्षण की मांग याचिका में कहा गया है कि पिछले दो शैक्षणिक सत्रों में ओबीसी कैटेगरी के छात्रों की 5530 सीटें सामान्य वर्ग के छात्रों को आवंटित कर दी गईं. याचिका में कहा गया है कि नीट का रिजल्ट घोषित होने के बाद ये खबरें आ रही हैं कि इस साल भी दाखिला देने में ओबीसी वर्ग के छात्रों को 27 फीसदी आरक्षण देने के प्रावधान का पालन नहीं किया जा रहा है.
याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय केवल एससी-एसटी वर्ग और आर्थिक रुप से पिछड़े वर्ग के छात्रों को आरक्षण का लाभ दे रही है. ओबीसी के छात्रों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है.
संविधान की धारा 14 का उल्लंघन
याचिका में कहा गया है कि ओबीसी के छात्रों को आरक्षण का लाभ नहीं देकर संविधान की धारा 14 का उल्लंघन किया गया है. हर साल एमबीबीएस और बीडीएस के अंडरग्रेजुएट कोर्सेस की सीटों का 15 फीसदी और एमडी, एमएस, एमडीएस की पीजी सीटों का 50 फीसदी आल इंडिया कोटे के तहत केंद्र सरकार को दिया जाता है. इन सीटों पर केंद्र सरकार अपनी प्रक्रियाओं के तहत दाखिला देगी.
ओबीसी छात्रों के साथ भेदभाव
याचिका में कहा गया है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के मेडिकल काउंसलिंग कमेटी के महानिदेशक ओबीसी छात्रों के साथ भेदभाव करते हैं. याचिकाकर्ता ने पिछले 17 मई को इस संबंध में एक ज्ञापन दिया था और मेडिकल दाखिले में ओबीसी कैटेगरी के छात्रों को 27 फीसदी आरक्षण देने की मांग की थी. लेकिन उस ज्ञापन का कोई जवाब नहीं मिला.