नई दिल्लीः पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का रविवार को दुबई में निधन हो गया. वे 79 वर्ष के थे. बहुत कम लोगों को पता होगा कि उनका जन्म ब्रिटिश काल में 11अगस्त 1943 कोदिल्ली के दरियागंज में हुआ था. भारत के बंटवारे के बाद उनका परिवार कराची जाकर बस गया. बाद में वह पाकिस्तान के सेना प्रमुख और फिर राष्ट्रपतिबने. 1999 में नवाज शरीफ की लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलट कर सत्ता पर काबिज हो गए और 20 जून, 2001 से 18 अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे.
विभाजन के बाद जब उनका परिवार पाकिस्तान चला गया तब उनकी उम्र महज चार साल थी. 2001 में दिल्ली यात्रा के दौरान वे दरियागंज के उसी घर में आए थे, जिसमें उनका जन्म हुआ था. अपना जन्मस्थान देखकर वे भावुक हो गए थे. यह घर अब काफी पुराना और जर्जर हो चुका है. उनके इस घर को नहर वाली हवेली भी कहते हैं. हालांकि उनके आलीशान घर को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुशर्रफ उन दिनों पुरानी दिल्ली के जाने-माने परिवार से ताल्लुक रखते थे. अब उस हवेलीनुमा घर में आठ परिवार रहते हैं.
2001 में जो लोग उस घर में रहते थे, उनमें से अधिकतर को तो इस बात की जानकारी भी नहीं थी कि उसके असली मालिक कौन हैं ? घर के असली कागजातों पर सारी जानकारियां उर्दू में लिखी हुई हैं, जिन पर मुशर्रफ के पिता का अंग्रेजी में हस्ताक्षर है. उनके पिता सैयद मुशर्रफुद्दीन ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी और अंग्रेजी शासन में सिविल सर्वेंट थे. उनके परदादा टैक्स कलेक्टर थे और नाना अंग्रेजी सरकार में जज थे.