डीडीए से वर्ष 2017 में फ्लैट पाने वाली झुमझुम पाढ़ी ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2014 की आवासीय योजना में एलआईजी फ्लैट के लिए आवेदन किया था. उनका फ्लैट रोहिणी में निकला. उन्होंने ये फ्लैट तो ले लिया लेकिन बाद में जब इसका साइज देखा तो वो हैरान रह गईं.
डीडीए ने दिया धोखा!
आमतौर पर जहां एलआईजी फ्लैट 42 से 60 मीटर का होता है, वहीं यह फ्लैट 29 से 32 मीटर में बनाये गए थे. आवंटियों ने जब छानबीन की तो पता चला कि ईडब्ल्यूएस फ्लैट उन्हें एलआईजी बताकर धोखे से दिया गया है.
अधिकांश फ्लैट पड़े हैं खाली
इस योजना के तहत फ्लैट पाने वाले वाले मनोज कुमार ने बताया कि ये फ्लैट इतने छोटे हैं कि इसमें किसी भी परिवार का गुजारा हो ना बड़ा मुश्किल है. इसके चलते ही अधिकांश लोगों ने अभी तक इन फ्लैटों में रहना शुरू ही नहीं किया है. उन्होंने बताया कि यहां पर पानी, ट्रांसपोर्ट, सड़क आदि बुनियादी सुविधाएं अभी तक नहीं आई हैं. ये फ्लैट देकर डीडीए ने उन लोगों के साथ बड़ा धोखा किया है, जिसकी वजह से वो फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं.
इसलिए सभी आवंटियों ने मिलकर ये तय किया है कि वो मंगलवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे और अपनी आवाज डीडीए तक पहुंचाएंगे.
नहीं हुआ कोई भी समाधान
झुमझुम पाढ़ी ने बताया कि डीडीए आवंटियों ने नवंबर 2018 में 3 दिनों तक डीडीए के बाहर प्रदर्शन किया था. इस दौरान डीडीए के उपाध्यक्ष तरुण कपूर ने उन लोगों को आश्वासन दिया था कि वो उनकी मदद करेंगे और उन्हें एलआईजी फ्लैट देने का रास्ता निकाला जाएगा. लेकिन लगभग 4 माह बीतने वाले हैं और डीडीए ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.
इसलिए वह जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने जा रहे हैं.
इसके जरिए उनकी दो प्रमुख मांग है. पहली मांग है कि उन्हें एलआईजी फ्लैट दिया जाए और दूसरा अगर फ्लैट नहीं दिया जाता तो उनके रुपए वापस कर ईडब्ल्यूएस फ्लैट वापस ले लिया जाए.