नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम का पटपड़गंज वार्ड पटपड़गंज विधानसभा के अंतर्गत आता है. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के विधानसभा के अंतर्गत आने वाले इस वार्ड में डीडीए सोसायटी, पटपड़गंज गांव, कच्ची कॉलोनी, स्लम बस्ती के साथ हुई यमुना खादर का इलाका भी आता है. वर्ष 2017 के निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बिपिन बिहारी सिंह पटपड़गंज वार्ड के पार्षद बने. पार्षद बनने के साथ ही उन्हें पहली बार पूर्वी दिल्ली नगर निगम का डिप्टी मेयर बनाया गया, वह पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर भी थे.
बिपिन बिहारी सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने 5 वर्ष के (Delhi municipal corporation election)का र्यकाल के दौरान वार्ड को एक मॉडल वार्ड के रूप में विकसित किया है. उन्होंने अपने वार्ड में निगम के एक स्कूल को मॉडल स्कूल बनवाया है, जिसमें प्राइवेट स्कूल से भी बेहतर सुविधाएं हैं. इस स्कूल में स्मार्ट क्लास से लेकर बच्चों के लिए जिम तक की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है. शिक्षा के बाद अगर स्वास्थ्य की बात करें तो पटपड़गंज वार्ड में बने श्यामा प्रसाद मुखर्जी चेस्ट अस्पताल में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. अस्पताल में मोर्चरी भी बनवाया गया है. वार्ड के पार्कों को हरा भरा किया गया है और यहां एक्सरसाइज के लिए ओपन जिम और बच्चों के लिए झूले भी लगाए गए हैं. वार्ड की साफ सफाई पर बेहतर हुई है. ढलाव घरों को बंद कर कंपैक्टर लगाया गया है. गलियों और नलियों का निर्माण कराया गया है और साथ ही सार्वजनिक शौचालय भी बनवाए गए हैं.
स्पेशल वार्ड स्कैन: पटपड़गंज में अतिक्रमण और जलभराव से परेशान लोग
दिल्ली नगर निगम के चुनाव की घोषणा हो चुकी है. 250 वार्ड पर चुनाव होने हैं. पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हैं. इसी को लकर ईटीवी भारत कर रहा है हर वार्ड का 'वार्ड स्कैन'. बताएंगे कि (Delhi municipal corporation election) वार्डों की समस्या क्या है और लोगों की सरकार से अपेक्षा क्या है. तो इस कड़ी में आज वार्ड स्कैन में जानेंगे पटपड़गंज का हाल.
क्षेत्र के लोग भी बिपिन बिहारी सिंह के कामों से संतुष्ट नजर आए. उनका कहना है कि कोरोना काल में भी बिपिन बिहारी सिंह लोगों के बीच रहे. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए क्षेत्र में सैनिटाइजेशन का अभियान भी चलाया गया था. उस दौरान लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ जरूरतमंदों तक राशन और पका भोजन भी मुहैया कराया गया था.
हालांकि क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अभी भी कई ऐसे काम हैं, जो क्षेत्र में होना बाकी है. क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या जलभराव की है. डीडीए की कॉलोनियों में भी जलभराव होती है, जिसका समाधान किया जाना जरूरी है. इसके साथ ही क्षेत्र में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है.
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