नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान में लगे 42वें इंडिया इंटरनेशन ट्रेड फेयर के हॉल नंबर 1 में जम्मू कश्मीर पवेलियन अपने खास कलेक्शन पश्मिना की वजह से काफी चर्चा में रहा. पवेलियन में जम्मू के मेपेल क्राफ्ट की ओर से ऊनी कपड़ों की सेल करने आए फैजल ने बताया कि पश्मीना लेह लद्दाख में मिलने वाली एक विशेष पश्मीना भेड़ की ऊन से बनाया जाता है. यह भेड़ समुद्री लेवल के 16,000 फीट ऊपर पाया जाता है और इसकी कीमत काफी ज्यादा होती है.
पश्मीना की बात करें, तो इसके छोटे से स्टॉल की कीमत भी 10,000 रुपए से शुरू होती है. दस हजार से शुरू होकर यह लाखों तक बिकते हैं. डिजाइन और एंब्रॉयडरी के बाद इसके दाम की कोई सीमा नहीं होती है. यह पहनने में बेहद गर्म और छूने में काफी मुलायम होता है.
ऐसे होता है तैयार: कारोबारी फैजल ने बताया कि पश्मीना का एक सिंपल शॉल बनाने में 15 से 20 दिन का समय लगता है. सबसे पहले भेड़ से रॉ मैटेरियल इकट्ठा किया जाता है. इसके बाद उसे कारीगरों द्वारा हैंड स्पिन किया जाता है, फिर डिजाइनिंग की जाती है. अगर इसको और खूबसूरत बनाना है, तो कई कारीगर उसको अपने अपने घरों में नया रूप देते हैं. खास बात यह है कि पश्मीना के कई कपड़ों को तैयार होने में एक से 2 साल का समय भी लग जाता है.
फैजल ने बताया कि आजकल बाजारों में पश्मीना के नाम पर सेमी पश्मीना सेल किया जा रहा है. हकीकत यह है कि पश्मीना को किसी भी फैब्रिक के साथ मिक्स नहीं किया जा सकता. इसमें किसी भी तरह के केमिकल को मिक्स नहीं किया जा सकता है. आज कल मशीन द्वारा भी पश्मीना के कपड़े बनाए जा रहे हैं. इनकी कीमत हैंड स्पिन पश्मीना से कम होती है. अगर आप बेहद सॉफ्ट पश्मीना खरीदना चाहते हैं तो हमेशा हैंड स्पिन ही खरीदे.