नई दिल्ली: दिल्ली में बाढ़ आए हुए एक सप्ताह का समय बीत चुका है. यमुना का जलस्तर भी खतरे के निशान से नीचे आ चुका है. लेकिन बाढ़ पीड़ितों की दिक्कतें अभी कम नहीं हो रही है. उनके सामने पीने के पानी और शौचालय की समस्या अभी बनी हुई है. बाढ़ का पानी कम होने से अब लोग अपनी डूबी हुई झुग्गियों से सामान भी निकालने लगे हैं. इसकी वजह से बाढ़ के पानी में घुसने से इन्हें खुजली और आई फ्लू की समस्या भी होने लगी है.
अक्षरधाम के पास स्थित यमुना खादर के इलाके के बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि यहां पर लोगों की संख्या बहुत अधिक है. पांच हजार से ज्यादा लोग यहां पर रह रहे हैं. उनके पीने के लिए तीन से चार पानी के टैंकर आते हैं. लेकिन यह पानी इनके लिए पर्याप्त नहीं हो पाता है. यहां हर परिवार में पांच से छह सदस्य हैं, जिनको नहाने और पूरे दिन पीने के लिए पानी की काफी जरुरत होती है. लोगों की अधिक संख्या होने के चलते उन्हें पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है. पानी का टैंकर आते ही यहां पर लंबी-लंबी लाइन लगी जाती हैं. उससे कई बार उनका नंबर आते-आते पानी खत्म हो जाता है. इसके अलावा यहां पर निगम द्वारा लगाए गए शौचालयों की संख्या भी काफी कम है, जिसकी वजह से शौचालय के लिए भी सुबह लाइन में लगना पड़ता है. कई बार शौचालय में भी पानी खत्म हो जाता है.
यहां रह रही हरिप्यारी ने बताया कि सुबह वह सात बजे शौचालय गई. लेकिन उन्हें आधे घंटे तक लाइन में लगना पड़ा. उसके बाद उनका नंबर आया. रामकिशन ने बताया कि यहां पर रह रहे लोगों को उल्टी-दस्त और पेट दर्द की भी परेशानी हो रही है. दस्त होने की वजह से लोगों को कई कई बार शौचालय जाना पड़ता है और शौचालय की संख्या कम होने से उन्हें काफी परेशानी होती है. इसके अलावा यहां पर लोगों ने रात के समय होने वाली मच्छरों की समस्या से भी काफी दिक्कतें बताई.