नई दिल्ली: पॉश कॉलोनियों के बंद गेट लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं. इन बंद गेटों की वजह से लोगों को आने-जाने में तो परेशानी होती ही है, इनकी वजह से कॉलोनी के बाहर जाम भी लगता है. लाजपत नगर, कालकाजी, सीआर पार्क, अलकनंदा, अमर कॉलोनी, ईस्ट ऑफ कैलाश, कैलाश कॉलोनी समेत तमाम पॉश कॉलोनियों में आरडब्ल्यूए की ओर से गेट बंद रखे जाते हैं. लोगों का आरोप है कि कॉलोनियों में आरडब्ल्यूए के सदस्य गेट बंद रखने के पक्षधर इसलिए हैं, ताकि वे कॉलोनी की सड़कों पर अपने वाहन पार्क कर सकें. जबकि अगर इन गेटों को खुला रखा जाए तो कॉलोनी से निकलने वाले रास्ते खुद ही वन-वे हो जाएंगे.
सीआर पार्क व कालकाजी में बंद रहते हैं गेट:कालकाजी, सीआर पार्क व अलकनंदा आदि कॉलोनियों में लगे गेट बंद रहते हैं. ज्यादातर गेटों पर गार्ड भी नहीं रखे गए हैं. ऐसे में लोगों को आने-जाने में भारी मुश्किल होती है. यहां दिन में मुख्य मार्गों के गेट खोल दिए जाते हैं लेकिन तमाम गेट दिन में भी बंद रहते हैं. इनसे सिर्फ पैदल निकला जा सकता है. वहीं, रात को तो हालत इतनी बदतर हो जाती है कि कॉलोनी किसी चक्रव्यूह में तब्दील हो जाती है. एक बार कोई व्यक्ति इनमें प्रवेश कर जाए फिर उससे बाहर निकलने के लिए गेट दर गेट चक्कर काटता रह जाएगा. रात को मुख्य मार्गों पर भी लोहे के बैरिकेड लगाकर जंजीर व ताला जड़ दिया जाता है. देशबंधु व रामानुजन कॉलेज के सामने से बंगाली मार्केट-1 व बंगाली मार्केट-2 जाने का रास्ता बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया जाता है. वहीं, इसी मार्ग से गुरु रविदास मार्ग पर निकलने वाला प्वाइंट भी बैरिकेड से बंद कर दिया जाता है.
सरिता विहार में लोग भटककर पहुंच जाते हैं मदनपुर खादर:सरिता विहार में तो रात को मुख्य मार्ग पर भी बैरिकेड लगा दिया जाता है. ऐसे में कॉलोनी में कोई नया व्यक्ति आ जाए तो वह रास्ता खोजते-खोजते मदनपुर खादर व जैतपुर थाने वाले सुनसान रास्ते तक पहुंच जाता है. इन बैरिकेडों पर रात में कोई रहता भी नहीं है जो राहगीर को रास्ता बता सके. इससे आम लोगों के साथ सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को होती है जो देर रात की शिफ्ट में नौकरी करते हैं. वहीं, जिन लोगों को ओला-उबर जैसी टैक्सी से आना-जाना होता है उनका तो किराया ही दोगुना खर्च हो जाता है. क्योंकि वांछित लोकेशन तक पहुंचने के लिए टैक्सी को लंबा चक्कर लगाना पड़ता है. वहीं आरडब्ल्यूए फेडरेशन सरिता विहार के अध्यक्ष राजेंद्र अवाना ने बताया कि इलाके में हो रही चोरियों से बचने के लिए आरडब्ल्यूए ने पुलिस से यह व्यवस्था कराई गई है.