नई दिल्ली: भारत में सिर पर मैला उठाने की कुप्रथा को खत्म करने के लिए और शौचालय क्रांति लाने वाले और स्वच्छता के लिए काम करने वाले सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का मंगलवार को निधन हो गया था. इसके बाद बुधवार को उनका पार्थिव शरीर पालम डाबड़ी रोड स्थित महावीर एंक्लेव के सुलभ इंटरनेशनल परिसर में लोगों के लिए अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. यहां स्थानीय लोगों के अलावा आसपास के नेता व अन्य लोग उनका दर्शन करने आ रहे हैं और श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.
यहां से उनके पार्थिव शरीर को लोधी कॉलोनी स्थित श्मशान घाट ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा. इससे पहले मंगलवार सुबह डाबड़ी रोड स्थित महावीर एंक्लेव के सुलभ इंटरनेशनल परिसर में झंडारोहण समारोह के दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें एम्स अस्पताल ले जाया गया था. यहां उनकी मौत हो गई थी.
कौन थे बिंदेश्वर पाठक:सहज जीवन जीने वाले सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने खुले और शौच और अस्वच्छ शौचालय को खत्म करने के लिए 1970 में सुलभ इंटरनेशनल की शुरुआत की थी. उनके प्रयासों के लिए 19 नवंबर, 2013 को संयुक्त राष्ट्र ने वर्ल्ड टॉयलेट डे को मान्यता दी थी. अपने कार्यों के लिए उन्हें करीब 50 से भी अधिक सम्मान मिल चुके हैं.