नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला स्वीमर का वीडियो बनाने के आरोपी अर्जुन अवार्डी और पैरा स्वीमर प्रशांत कर्माकर को पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआई) की ओर से निलंबित किए जाने के फैसले को सही करार दिया है. हाईकोर्ट इस सवाल पर सुनवाई कर रही थी कि क्या पीसीआई कोच को निलंबित करने का अधिकार रखता है.
कारण बताओ नोटिस जारी: जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि प्रशांत कर्माकर ये बताने में असफल रहे कि अनुशासन समिति का फैसला निष्पक्ष नहीं था. हालांकि, कर्माकर के निलंबन की समय सीमा खत्म हो चुकी है. हाईकोर्ट ने कहा कि पीसीआई के नियमों के तहत सामान्य आचार संहिता एथलीट, कोच और सपोर्ट स्टाफ पर भी लागू होता है. पीसीआई के नियम 19.1.6 में इसका साफ साफ जिक्र किया गया है.
कोर्ट ने कहा कि अनुशासन कमेटी ने कर्माकर को निलंबित किया था और सभी पक्षों को सुना था. सुनवाई के दौरान कर्माकर की ओर से वकील अमित शर्मा और सत्यम सिंह राजपूत ने कहा था कि प्रशांत कर्माकर ने 44 अंतरराष्ट्रीय और 74 राष्ट्रीय मेडल जीते हैं. कर्माकर एक प्रशिक्षित कोच हैं, जिन्होंने रियो पैरालंपिक 2016 में भारत का कोच के रूप में प्रतिनिधित्व किया था.