नई दिल्ली:राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल की ओर से कारवां मैगजीन के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले की सुनवाई अब पटियाला हाउस कोर्ट में होगी. दिल्ली हाईकोर्ट की जज जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने आज इस आशय का आदेश जारी किया. पहले इस मामले की सुनवाई राऊज एवेन्यू की सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई करने वाली कोर्ट में चल रही थी.
जयराम रमेश के खिलाफ केस बंद करने का फैसला
दरअसल 19 दिसंबर 2020 को इस मामले के एक आरोपी और जयराम रमेश ने विवेक डोभाल से माफी मांग ली थी. जिसके बाद कोर्ट ने जयराम रमेश के खिलाफ केस बंद कर दिया. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में कारवां मैगजीन और लेखक कौशल श्राफ के खिलाफ सुनवाई जारी रखने का आदेश दिया था. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कहा था कि उसके पास सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई करने का ही क्षेत्राधिकार है और अब इस मामले में कोई सांसद या विधायक नहीं है. इसलिए इस मामले को उचित क्षेत्राधिकार वाली कोर्ट के सामने लिस्ट किया जाए.
डी कंपनी का जिक्र
विवेक डोभाल की याचिका पर कोर्ट ने 22 जनवरी 2019 को संज्ञान लिया था. विवेक डोभाल ने अपने वकील डीपी सिंह के जरिए कोर्ट से कहा था कि कारवां मैगजीन ने अपने लेख में डी कंपनी का जिक्र किया है जिसका मतलब दाऊद इब्राहिम गैंग होता है. डीपी सिंह ने कहा था कि लेखक कौशल श्राफ ने छापने के पहले कोई पड़ताल नहीं की. इस लेख के जरिए हमारे परिवार को टारगेट किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि अगर परिवार को बदनाम करने की कोशिश नहीं की गई है तो आलेख में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के चित्र छापे गए हैं और डी कंपनी कहा गया है। डीपी सिंह ने कहा था कि लेख में जयराम रमेश के प्रेस कांफ्रेंस का जिक्र है, जिसके बाद ट्विटर पर काफी चर्चा हुई. ये पूरे तरीके से बदनाम करने की कोशिश की गई.