नई दिल्लीःहिन्दू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को परमा एकादशी कहते है. साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है जबकि जिस साल अधिक मास लगता है उस साल 26 एकादशी होती हैं. परमा एकादशी का व्रत शनिवार (12 अगस्त 2023) को रखा जाएगा. परमा एकादशी का व्रत रखना बेहद फलदाई बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि परमा एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार के धन संकटों से मुक्ति मिलती है.
० महत्व
आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक अधिक मास भगवान विष्णु का महीना है. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए परमा एकादशी का व्रत उत्तम माना जाता है. भगवान विष्णु की कृपा- आशीर्वाद पाने और और जीवन में परम वैभव प्राप्त करने के लिए परमा एकादशी का व्रत रखा जाता है. परमा एकादशी तीन साल में एक बार आती है. ऐसे में परमा एकादशी के व्रत को श्रेष्ठ माना गया है. जीवन में आ रहे आर्थिक संकट दूर होते हैं. पुराणों में परमा एकादशी के व्रत का फल अश्वमेध यज्ञ के समान बताया गया है.
० पूजा विधि
परमा एकादशी के दिन प्रतकाल उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहने. घर के मंदिर में दीप जलाएं और भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें. एकादशी के व्रत का संकल्प करें. भगवान विष्णु का पूजा करें. विष्णु सहस्रनाम का जाप करें. दूध, दही, नैवेद्य आदि का भोग लगाएं. विष्णु सहस्रनाम, गोपाल सहस्रनाम, ॐ नमः भगवतेः वासुदेवाय आदि का जाप करें. ऐसा करने से परम कल्याण होता है.
० परमा एकादशी शुभ मुहूर्त
- परमा एकादशी प्रारंभ: 12 अगस्त (शनिवार) सुबह 07:28 मिनट
- परमा एकादशी समाप्त: 13 अगस्त (रविवार), सुबह 09:07 मिनट
- परमा एकादशी का व्रत 12 अगस्त को रखा जाएगा.