नई दिल्ली:दिल्ली के जंतर मंतर पर गाजियाबाद, गौतमबुध नगर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मोदीनगर समेत अलग-अलग पेरेंट्स एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान निजी स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से वसूली जा रही फीस, शिक्षा के व्यापारीकरण, सरकारी विद्यालयों के कायाकल्प आदि को लेकर अपना विरोध जताया.
दिल्ली के जंतर मंतर पर पेरेंट्स एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किया इस विरोध प्रदर्शन में दिल्ली एनसीआर के अलावा राजस्थान के संयुक्त अभिभावक संघ ने भी हिस्सा लिया. सभी पेरेंट्स एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना काल के दौरान छात्रों की पढ़ाई पर बेहद बुरा असर पड़ा है. ऑनलाइन माध्यम से बच्चों की पढ़ाई चल रही है. जिसके चलते ना सिर्फ उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है, बल्कि अभिभावकों पर भी आर्थिक बोझ बढ़ रहा है. जहां पहले बच्चे स्कूल में जाकर 5 से 6 घंटे तक पढ़ाई करते थे, वहीं ऑनलाइन माध्यम से केवल 1 या 2 घंटे की क्लास लेकर निजी स्कूल हजारों रुपए फीस वसूल कर रहे हैं.ईटीवी भारत से बात करते हुए अभिभावकों ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम से हो रही पढ़ाई के चलते अभिभावकों को अपने बच्चों के साथ क्लास के दौरान बैठना पड़ रहा है. यह देखना पड़ रहा है कि उनको क्या पढ़ाया जा रहा है, जिसके चलते अभिभावकों का समय लग रहा है. वहीं अधिकतर अभिभावकों की लॉकडाउन के चलते नौकरी चली गई है. काम धंधा ठप हो गया है, सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं दी जा रही है. लेकिन स्कूलों की फीस लगातार मांगी जा रही है स्कूल केवल ट्यूशन फीस ना लेकर पूरी फीस वसूल रहे हैं.
स्कूल अब तक पूरी फीस वसूल रहानोएडा से आई अभिभावक सोनिया शर्मा ने कहा कि उनकी बेटी रायन इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ती है. लॉक डाउन से ही बच्चों की ऑनलाइन क्लास चल रही है. लेकिन स्कूल अब तक पूरी फीस वसूल रहा है, जबकि लॉकडाउन के चलते उनका कारोबार पूरी तरीके से ठप हो गया.
वहीं कुछ स्कूलों को खोला गया है तो वहां पर अभिभावकों द्वारा कंसर्न फॉर्म मंगाया जा रहा है. स्कूल का कहना है कि कोरोना के लेकर अभिभावकों की जिम्मेदारी है. जबकि छात्र स्कूल में पढ़ने जा रहा है और तो संक्रमण से बचाने के लिए स्कूल को एहतिहाती कदम उठाने चाहिए.
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अभिभावकों ने बताया कि निम्नलिखित मांगों को लेकर हम अपना विरोध जता रहे हैं. इसमें गाजियाबाद, गौतमबुध नगर, गुरुग्राम, संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ झारखंड समेत तमाम राज्यों से अभिभावक संघ अपना विरोध जता रहे हैं.
एक देश-एक शिक्षा पाठ्यक्रम लागू हो
अभिभावकों की मांगे इस प्रकार हैं पहली मांग है कि एक देश-एक शिक्षा पाठ्यक्रम देश में लागू किया जाना चाहिए. सभी स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने के आदेश दिए जाने चाहिए. देशभर में 3 महीने के लिए लगे लॉकडाउन अप्रैल मई-जून की फीस माफी के आदेश राज्य सरकारों द्वारा जारी किए जाने चाहिए.
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