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दिल्ली: बोर्ड परीक्षा के विरोध में अभिभावक, कहा- संक्रमण से बच्चों को है खतरा

दिल्ली में सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा का अभिभावकों ने विरोध किया है. उनका कहना है कि इंटरनल असेसमेंट के आधार पर बच्चों को पास कर दिया जाए. दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं ऐसे में परीक्षा का आयोजन उनके बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.

Examination will be risky amid increasing infection, parents opposed to board examination
बढ़ते संक्रमण के बीच जोखिम भरी होगी परीक्षा, बोर्ड परीक्षा के विरोध में अभिभावक

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Published : Jun 18, 2020, 3:32 AM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की स्थगित हुई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 1 जुलाई से शुरू होने जा रही है. वहीं अब अभिभावको ने इन बोर्ड परीक्षाओं को लेकर विरोध करना शुरू कर दिया है. अभिभावकों का कहना है कि जिस तेजी से दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं ऐसे में परीक्षा का आयोजन उनके बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. ऐसे में उन्होंने सीबीएसई और दिल्ली सरकार से अपील की है कि आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर बच्चों को पास कर दिया जाए और जब तक इस बीमारी की कोई दवा नहीं बन जाती तब तक किसी भी तरह की परीक्षा का आयोजन न किया जाए.

बढ़ते संक्रमण के बीच जोखिम भरी होगी परीक्षा, बोर्ड परीक्षा के विरोध में अभिभावक
अभिभावकों में संक्रमण को लेकर डर

बता दें कि दसवीं और बारहवीं की कुछ परीक्षाएं लॉकडाउन के चलते नहीं हो पाई थी जिसको लेकर सीबीएसई ने डेटशीट जारी कर दी है और यह परीक्षाएं 1 जुलाई से शुरू होंगी. वहीं अब कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अभिभावकों को यह डर सता रहा है कि कहीं उनके बच्चे भी इस संक्रमण का शिकार ना हो जाए. ऐसे में सभी अभिभावक लगातार परीक्षा आयोजन का विरोध कर रहे हैं.

बढ़ते मामलों के बीच परीक्षा आयोजित करना गलत

वहीं एक अभिभावक ने कहा कि जिस समय सीबीएसई ने परीक्षा की डेट शीट जारी की थी उस समय स्थिति नियंत्रण में थी लेकिन अब हर दिन रिकॉर्ड तोड़ मामले दर्ज किए जा रहे हैं. ऐसे में सभी बच्चों के बीच परीक्षा के लिए बच्चे को भेजना उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना होगा. वहीं एक अन्य अभिभावक का कहना है कि वह किसी भी स्थिति में अपने बच्चे को परीक्षा देने के लिए नहीं भेजेंगे. बच्चा सही सलामत है और जिंदगी बनी रहेगी तो आगे बहुत सी परीक्षाएं देने का मौका मिलेगा लेकिन इस समय परीक्षा देना अपनी जान खतरे में डालना है.

बढ़ते संक्रमण के बीच परीक्षा जोखिम भरी होगी

वहीं एक अन्य अभिभावक ने कहा कि यदि कोई एक बच्चा भी संक्रमित होता है तो उसे सैकड़ों बच्चे संक्रमित हो जाएंगे, जो लाखों परिवारों को संक्रमित कर देंगे. जिससे यह महामारी और भयावह रूप ले लेगी. इससे बचाव के लिए जरूरी है कि बच्चों की परीक्षा इस समय आयोजित ना की जाए. वहीं एक अन्य अभिभावक ने दिल्ली सरकार के बयान का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने अनुमानित आंकड़े जारी किए हैं कि जुलाई के अंत तक कोरोना वायरस से बढ़ोतरी होगी और स्थिति और भी भयावह हो जाएगी. ऐसे में जुलाई में परीक्षा आयोजित करना पूरी तरह जोखिम भरा है.

बीमार बच्चों पर संक्रमण का है ज्यादा खतरा

वहीं एक अन्य अभिभावक का कहना है कि परीक्षा देने वाले छात्रों में कई छात्र ऐसे भी होंगे जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होगी या जो किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त होंगे. ऐसे में कोरोना महामारी से लड़ने में वह पूरी तरह से असक्षम होंगे और उन्हें संक्रमण होने का खतरा सबसे ज्यादा रहेगा. इसलिए बेहतर होगा कि इस समय किसी तरह की परीक्षा का आयोजन न किया जाए.

वहीं कुछ अभिभावकों का यह भी कहना है कि यदि इंटरनल असेसमेंट में बच्चे के नंबर कम आए हैं तो कुछ नंबर उसे अतिरिक्त भी दिए जाएं जिससे बच्चे का भविष्य खराब ना हो.

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