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दिल्ली में प्रदूषण के कहर के बीच स्कूल बंद करने पर अभिभावक और एक्सपर्ट सहमत - agree to close schools

दिल्ली में दिनोंदिन बढ़ते प्रदूषण (havoc of pollution) को देखते हुए स्कूल बंद करने पर विचार किया जा रहा है. दिल्ली में जहरीली हो रही हवा के बीच स्कूल जाने को मजबूर बच्चों के अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है. स्कूल को बंद करने की मांग उठने लगी है.

दिल्ली में प्रदूषण के कहर के बीच स्कूल बंद करने को लेकर अभिभावक और एक्सपर्ट सहमत
दिल्ली में प्रदूषण के कहर के बीच स्कूल बंद करने को लेकर अभिभावक और एक्सपर्ट सहमत

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Published : Nov 4, 2022, 10:46 AM IST

नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में प्रदूषण (pollution in Delhi) का स्तर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. दिल्ली में जहरीली हो रही हवा के बीच बच्चों को स्कूलजाना पड़ रहा है, जिसे लेकर अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है. बढ़ते प्रदूषण के बीच स्कूल को बंद कर देने की मांग होने लगी है. मांग है कि एक बार फिर ऑनलाइन मोड में क्लासेस शुरू की जाए. यहां बताते चलें कि अभिभावक संघ, एक्सपर्ट, यह मांग कर रहे हैं कि बढ़ते प्रदूषण की वजह से बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है, इसलिए स्कूलों को बंद कर देना चाहिए. गौर करने वाली बात यह है कि बढ़ते प्रदूषण को लेकर ग्रेप (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया गया है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में चौथे चरण को लागू करने का आदेश दिया है. इस आदेश में कहा गया है कि प्रदूषण की इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार स्कूल -कॉलेज को बंद करने को लेकर फैसला ले सकती है, साथ ही जिन बच्चों में किसी तरह की बीमारी है, उन्हे इंडोर और आउटडोर आयोजित होने वाली गतिविधियों से दूर रहने के लिए कहा गया है.

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कुछ निजी स्कूल आदेश का कर रहे इंतजार : दिल्ली के निजी स्कूल अभी स्कूल बंद करने के पक्ष में नहीं है. लाजपत नगर के एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि अभी स्कूल बंद नहीं करने चाहिए, अभी स्कूल अपने स्तर पर जरूरी कदम उठा सकते हैं. एक्शन कमेटी अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल के अध्यक्ष भरत अरोड़ा ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण को लेकर कुछ स्कूलों ने परिसर में होने वाले खेल और प्रार्थना सभा से जुड़ी गतिविधियों को बंद करने को लेकर कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि स्कूल बंद करने को लेकर कोई बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए. अभिभावकों की राय भी जरूरी है.

अभिभावक संघ ने की स्कूल बंद करने की मांग :दिल्ली अभिभावक संघ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि प्रदूषण की स्थिति खतरनाक है. बच्चों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि अस्थमा और एलर्जी से पीड़ित बच्चों की मुश्किलें बढ़ी हैं. स्थिति सामान्य होने तक स्कूलों को बंद किया जाए. छात्रों के लिए फिर से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हों.

स्कूलों में उपस्थिति कम : अंबेडकर नगर स्थित गवर्मेंट उच्च कन्या विद्यालय की प्रिंसिपल अरुणा आनंद ने बताया कि स्कूल में बच्चों की उपस्थिति दिवाली के बाद कम हुई है. उन्होंने बताया कि प्रदूषण के चलते बच्चे बहुत परेशान हैं. आंखों में जलन की शिकायत की जानकारी शिक्षकों के माध्यम से मिल रही है. दीपावाली के बाद से स्कूल में छात्रों की उपस्थिति भी 25-30 फीसदी तक कम हुई है. ऐसा ही कुछ दिल्ली के अन्य सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल का कहना था.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट : फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रोहन कृष्णन ने बताया कि प्रदूषण खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है तो इसकी वजह से केवल सांस संबंधी समस्याएं ही नहीं होती, बल्कि हृदय संबंधित समस्याएं भी काफी बढ़ जाती हैं. खासकर उन मरीजों में जो पहले से ही सांस संबंधित गंभीर बीमारी की चपेट में हैं या जिन्हें क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस है, दमा से पीड़ित हैं, वैसे मरीजों को सांस संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. बच्चों के लिए भी प्रदूषण घातक साबित हो सकता है.

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