नई दिल्ली: साहित्य अकादमी की तरफ से शुक्रवार को प्रख्यात कश्मीरी कवि, अनुवादक तथा आलोचक एवं साहित्य अकादमी के महत्तर सदस्य रहमान राही के निधन पर एक ऑनलाइन श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवासराव ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि रहमान राही ने हमेशा कश्मीरी लोगों को बेहतर और नया साहित्य देने की कोशिश की. उनके दरवाजे हर किसी के लिए हमेशा खुले रहे. वे अपने आप में सच्चे मानवतावादी थे, केवल अपने लेखन में ही नहीं बल्कि व्यवहार में भी. उनका लिखा हुआ हमेशा इंसानियत की ज्योत जलाए रखेगा. ज्ञात हो कि रहमान राही का निधन 9 जनवरी 2023 को श्रीनगर में हो गया था.
पूरा कश्मीर और कश्मीरी अदब ग़मज़दा है
कश्मीरी परामर्श मंडल के पूर्व संयोजक गुलाम नबी आतश ने कहा कि रहमान राही के न रहने से पूरा कश्मीर और कश्मीरी अदब ग़मज़दा है. उन्होंने कश्मीरी कविता को नई दिशा दी. उनके लेखन की सच्ची परख तो अभी होना बाकी है. अभी नई पीढ़ी को उनके व्यक्तित्व को जानना, पहचानना बाकी है. ज़मान आर्जुदा ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हम उनके दौर में थे. उन्होंने कश्मीरी गजल को उन ऊँचाइयों तक पहुँचाया जिसकी कल्पना अब करना भी मुश्किल है. कश्मीर और कश्मीरी भाषा के लिए उनका काम उन्हें हमेशा जिंदा रखेगा. वे पूरे कश्मीरी परिवार का हिस्सा थे. शाद रमज़ान ने कहा कि उनकी हैसियत का शायर न उनसे पहले हुआ न उनके बाद होगा. उनकी शायरी में हर जगह इंसानियत के सवाल मौजूद थे.