नई दिल्ली: सर गंगा राम हॉस्पिटल की लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट टीम ने एक अंग प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता मेले का आयोजन किया. प्रोग्राम में 500 अंग प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता और सीनियर डॉक्टरों समेत कई लोगों ने भी भाग लिया.
अंग प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता मेले का आदर्श वाक्य ऑर्गन ट्रांसप्लांट के बाद बेरोक जिंदगी था. कार्यक्रम में किडनी, लिवर या लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीजों द्वारा नृत्य और संगीत के माध्यम से आनंदपूर्ण जीवन जीवन जीने का संदेश दिया गया. डॉ. मनीष मलिक, वाइस-चेयरपर्सन, डिपार्टमेंट ऑफ़ नेफ्रोलॉजी, सर गंगा राम हॉस्पिटल के अनुसार ट्रांसप्लांट ने हमारे मरीजों के जीवन को बदल दिया, ताकि वे एक सामान्य जीवन जी सकें और जीवन के इस उपहार का आनंद उठा सकें. साथ ही अपने परिवार एवं समाज के लिए कुछ कर सकें.
डॉ. उशास्त धीर, वाइस-चेयरपर्सन, डिपार्टमेंट ऑफ़ सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड लिवर ट्रांसप्लांट, सर गंगा राम हॉस्पिटल के अनुसार ट्रांसप्लांट नए जीवन की शुरुआत है और आज हम अपने प्राप्तकर्ताओं के इस नए जीवन का जश्न उनके परिवारों की उपस्थिति में मना रहे हैं, जिसमें हमारे पांच साल के सबसे कम उम्र के प्रतिभागी और सबसे वरिष्ठ प्रतिभागी 73 साल की उम्र के शामिल हैं. प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ताओं (ट्रांसप्लांट रेसपिएंट्स) ने मंच पर कपल रैंप वॉक, बेबी शो (ट्रांसप्लांट के बाद बच्चा पैदा करने वाले), फैशन शो, गायन और नृत्य का प्रदर्शन किया. कई मरीजों ने ट्रांसप्लांट की अपनी यात्रा और नए जीवन को दूसरों के साथ साझा किया. मरीजों में से एक तुषार रश्मी पंत, जिन्होंने सर गंगा राम अस्पताल में लिवर ट्रांसप्लांट कराया था. उन्होंने अपनी प्रेरक कहानी साझा की और कहा कि मैं अपने ट्रांसप्लांट के बाद उत्तराखंड में एक पीएमटी कोचिंग संस्थान चला रहा हूं. छात्रों को भविष्य में डॉक्टर बनने के लिए 12 घंटे से अधिक काम करता हूं.
एक किडनी ट्रांसप्लांट प्राप्तकर्ता बाले ज़मा सेन्ची ने कहा कि मैंने 10 साल पहले सर गंगा राम अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट कराया था और मैं 'लॉ एंड आर्डर' को बनाए रखने के अपने कर्तव्य को पूरा करके अपने देश की सेवा करने में सक्षम हूं और मैं नाइजीरिया में डिप्टी जनरल ऑफ़ पुलिस के पद पर पदोन्नत हुआ हूं.
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