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AAP vs Delhi BJP: 'दिल्ली विधानसभा में नियम-कायदों का होता है खुला उल्लंघन', नेता विपक्ष ने LG को लिखा पत्र - BJP wrote letter to LG

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर कहा कि विधानसभा में नियम-कायदों का खुलेआम उल्लंघ होता है. बिधूड़ी ने एलजी से अनुरोध किया है कि वह विधानसभा की प्रतिष्ठा और राजधानी की दो करोड़ जनता की भावनाओं का आदर करते हुए इस मामले में आवश्यक कदम उठाएं.

दिल्ली विधानसभा में नियम-कायदों का होता है खुला उल्लंघन
दिल्ली विधानसभा में नियम-कायदों का होता है खुला उल्लंघन

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Published : Aug 12, 2023, 5:29 PM IST

Updated : Aug 12, 2023, 7:07 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सियासी जंग जारी है. अब दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने उपराज्यपाल विनय सक्सेना को पत्र लिखकर विधानसभा में कानूनों, नियमों और परंपराओं के उल्लंघन की घटनाओं की जानकारी दी है. उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी सरकार के आचरण और निरंकुशता से दिल्ली विधानसभा अपना अर्थ और महत्व खोती जा रही है.

दिल्ली के सभी बीजेपी विधायकों ने पिछले दिनों उपराज्यपाल से मिलकर इस बारे में ज्ञापन दिया था. उपराज्यपाल ने इस संबंध में और जानकारी मांगी थी. यह पत्र इसी संदर्भ में लिखा गया है. बिधूड़ी ने पत्र में कहा कि पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली विधानसभा का अधिवेशन समाप्त होने के बावजूद उसका सत्रावसान नहीं किया जाता. यह कई बार संवैधानिक संकट पैदा करता है क्योंकि ऐसी स्थिति में विधानसभा का सत्र 24 घंटे जारी रहता है और उपराज्यपाल को यदि कोई अध्यादेश जारी करना हो तो वह नहीं कर सकते हैं.

विधानसभा में नियमों का अनदेखा: बिधूड़ी ने कहा है कि अम्बेडकर ने संविधान बनाते हुए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और समवर्ती सूची की अलग-अलग व्यवस्था की थी. इसका मतलब कि राज्य केवल उन्हीं विषयों पर चर्चा कर सकते हैं जो उनके अधिकार क्षेत्र में आते हैं. लेकिन दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने इसकी कभी परवाह नहीं की. बिधूड़ी ने अपने पत्र में इसके कई उदाहरण दिए हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा में गैरकानूनी और असैद्धांतिक रूप से ईवीएम लाकर उसका प्रदर्शन किया गया. चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर बिना वजह संदेह उठाकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का माखौल बनाया गया.

कृषि कानूनों के मामले पर चर्चा करके देश की संसद का अपमान किया गया. इसके अलावा राजीव गांधी का भारत रत्न अलंकरण वापस लेने का प्रस्ताव, उन्नाव, कठुआ और पत्थरबाजी, दिल्ली के पुलिस आयुक्त की नियुक्ति आदि पर चर्चा ऐसी घटनाएं हैं जो दिल्ली विधानसभा के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती. विधानसभा में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और उपराज्यपाल के प्रति अपशब्दों का बार-बार प्रयोग किया जाता है. संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की नाम लेकर निंदा की जाती रही है जबकि ऐसा करना असंवैधानिक है.

दिल्ली विधानसभा में नियम-कायदों का होता है खुला उल्लंघन, नेता विपक्ष ने LG को लिखा पत्र

विधायकों के अधिकारों का हनन:नेता विपक्ष ने कहा कि नियमों में यह स्पष्ट है कि केवल दिल्ली के मामलों पर ही विधानसभा में चर्चा की जा सकती है लेकिन केजरीवाल सरकार अक्सर ऐसे प्रस्ताव लाती है जो उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं होते. विधानसभा में आज तक विपक्ष द्वारा प्रदेश की समस्याओं पर चर्चा के लिए तमाम नियमों का पालन करते हुए और समय पर दिए गए नोटिस को भी स्वीकार नहीं किया गया. सप्ताह में एक दिन प्राइवेट मेंबर्स के लिए नियत होता है लेकिन इस नियम का भी उल्लंघन किया जाता है. पिछले साढ़े तीन वर्षों में केवल छह अवसरों पर ही दिल्ली विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल की अनुमति दी गई है. प्रश्नकाल का प्रावधान न होना विधायकों के अधिकारों का हनन है. प्रश्न काल के बिना विधानसभा का कोई अर्थ ही नहीं है.

BJP का उपराज्यपाल से अनुरोध:बिधूड़ी ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह दिल्ली विधानसभा की प्रतिष्ठा और राजधानी की दो करोड़ जनता की भावनाओं का आदर करते हुए इस मामले में आवश्यक कदम उठाएं. बता दें कि संसद के मानसून सत्र में दिल्ली सर्विस बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपने संबोधन में दिल्ली विधानसभा के सत्र को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि सत्र बुलाने का वहां कोई सिस्टम नहीं है.

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Last Updated : Aug 12, 2023, 7:07 PM IST

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