नई दिल्ली:करीब एक साल पहले एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने न केवल दिल्ली, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. नए साल का मौका था और जब पूरा देश जश्न मना रहा था, तब एक अंजलि नाम की युवती के लिए वह आखिरी रात साबित बन गई. इसको कंझावला मामले के नाम से जाना गया. घटना में आरोपियों की कार की टक्कर के बाद, युवती कार के नीचे फंसी रह गई, जिसे आरोपियों ने कई किलोमीटर तक घसीटा. इसके बाद सड़क पर युवती का शव नग्न अवस्था में मिला था. युवती ही काम कर परिवार का भरण-पोषण करती थी.
अंजलि की मां रेखा ने बताया कि उसके जाने के बाद अब वही घर संभालती हैं. उन्होंने दिल्ली सरकार व पुलिस के सामने कई मांगे रखी थी, जो एक साल हो जाने के बावजूद पूरी नहीं हुईं. न परिवार के किसी सदस्य को नौकरी मिली, न बच्चों को निजी स्कूल में दाखिला मिला. उन्होंने कहा, सप्ताह में तीन दिन डाइलिसिस कराती हूं. डायलिसिस के लिए तो कोई पैसे नहीं लगते, लेकिन दवाइयों पर हर महीने हजारों रुपये खर्च हो रहे हैं. हादसे के बाद पूरा परिवार मंगोलपुरी में किराये के मकान में रहता है. अंजलि की मां ने आगे कहा, इस केस की मुख्य गवाह निधि इमानदारी से गवाही दे दे तो मुझे जरूर इंसाफ मिल जाएगा.