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अनियमित कॉलोनियों के पंजीकरण, सत्यापन और नियमितीकरण के लिए ठोस कार्य योजना बनाएं अधिकारी: LG वीके सक्सेना - rehabilitation of slum dwellers

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अधिकारियों से अनियमित कॉलोनियों के पंजीकरण, सत्यापन और नियमितीकरण के लिए ठोस कार्य योजना बनाने के लिए कहा है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 25, 2023, 8:56 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने हाल ही में संसद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान), 2023 पारित किए जाने के बाद दिल्ली के मुख्य सचिव, एसीएस (यूडी), प्रधान सचिव (पीडब्ल्यूडी), उपाध्यक्ष (डीडीए), आयुक्त (एमसीडी) और विभिन्न संबंधित विभागों/एजेंसियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की. इसमें पीएम-उदय और पीएमएवाई (शहरी) के तहत अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण और झुग्गीवासियों के पुनर्वास से संबंधित कार्यों की प्रगति और स्थिति का जायजा लिया गया.

LG ने अधिकारियों से डीडीए की पीएम-उदय, पीएमएवाई और लैंड पूलिंग पॉलिसी के पूर्ण कार्यान्वयन के संबंध में निश्चित समयसीमा वाली कार्य योजना तैयार करने के लिए कहा है. अधिकारियों ने उपराज्यपाल को बताया कि अनधिकृत कॉलोनियों की सीमाओं का पुख्ता निर्धारण न किया जाना, कट ऑफ तिथियों का बार बार बढ़ाया जाना और झुग्गी-बस्तियों की संख्या और लोकेशन निश्चित न हो पाने के कारण नियमितीकरण तथा पुनर्वास लंबे समय तक लटके रहे.

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इसके फलस्वरूप 2019 में लाई गई पीएम-उदय और पीएमएवाई योजनाओं पर कोविड महामारी के दौरान पूरे जोर से काम नहीं किया जा सका. उपराज्यपाल ने सक्सेना ने अधिकारियों को अनियमित कॉलोनियों के पंजीकरण, सत्यापन और उसके बाद नियमितीकरण के लिए एक ठोस समयबद्ध कार्य योजना के साथ आने का निर्देश दिया.

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस प्रक्रिया को सरल और परेशानी मुक्त बनाने की जरूरत है. उन्होंने चेतावनी दी कि इस संबंध में किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उपराज्यपाल ने मलिन बस्तियों के पुनर्वास के संबंध में, जहां पुनर्वास उसी जगह संभव नहीं है, नियमानुसार डीडीए को तुरंत 5 किलोमीटर के दायरे में वैकल्पिक स्थलों की पहचान करने का निर्देश दिया. साथ ही झुग्गीवासियों को पहले से ही बने फ्लैटों/घरों, जिनका विभिन्न योजनाओं के तहत निर्माण किया गया है, उनमें सम्मानजनक जीवन के लिए पुनर्वासित करने का निर्देश दिया.

उपराज्यपाल ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पूरी योजना की विस्तृत कार्य योजना एक महीने के भीतर प्रस्तुत की जानी चाहिए और उन पर ठोस कार्रवाई तुरंत शुरू होनी चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी कार्यों को हाल ही में संसद द्वारा पारित अधिनियम द्वारा प्रदान की गई 2026 की समय सीमा से कम से कम एक वर्ष पहले पूरा किया जाना चाहिए.

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