नई दिल्ली : दिल्ली सरकार की ओर से संचालित विभिन्न अस्पतालों (Delhi government hospital strike) की नर्सों ने अपनी सेवाओं को नियमित करने और लंबे समय से लंबित पदोन्नति देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार को भी हड़ताल जारी (strike for second day) रखी. दिल्ली नर्सेज फेडरेशन (डीएनएफ) ने कहा कि यह एक ‘प्रतीकात्मक हड़ताल’ है, जो दो से चार नवंबर के बीच सुबह 9 से 11 बजे तक होगी. बता दें कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालोंकी नर्सों ने कल भी इसी तरह से हड़ताल की थी जो पूरी दिल्ली के सरकारी अस्पताल में देखने को मिली थी.
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ओपीडी सेवाएं और वार्ड प्रभावित : डीएनएफ के महासचिव लीलाधर रामचंदानी ने कहा कि आपातकालीन और आईसीयू सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी, क्योंकि कुछ नर्सें इन दोनों सेवाओं के लिए काम करेंगी. नर्सिंग स्टाफ की बुधवार से शुरू हुई हड़ताल के कारण ओपीडी सेवाएं और वार्ड प्रभावित होंगे. उन्होंने बताया कि डीएनएफ की ओर से घोषित हड़ताल में दिल्ली सरकार की ओर से संचालित सभी प्रमुख सरकारी अस्पताल शामिल हो गए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार के स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य मंत्री नर्सों की समस्या को लेकर गंभीर नहीं हैं. इसलिए एक सांकेतिक हड़ताल की जाएगी. संगठन ने कहा था, “हड़ताल के दौरान मरीजों को होने वाली असुविधा और कठिनाइयों के लिए हम माफी चाहते हैं“.