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PUC Certificate For Vehicle: दिल्ली में वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाने वालों की संख्या 75 प्रतिशत तक बढ़ी

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 9, 2023, 1:35 PM IST

Updated : Oct 9, 2023, 4:04 PM IST

वाहनों की पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट बनवाने वालों की संख्या करीब 75 प्रतिशत तक बढ़ी है. सरकार के सख्ती का असर दिख रहा. गाड़ी चलाते समय क्यों साथ रखना चाहिए PUC Certificate? जानिए क्यों होता है इतना जरूरी

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दिल्ली में वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट

नई दिल्ली:30 अगस्त तक के आंकड़े के मुताबिक दिल्ली में रजिस्टर्ड कुल वाहनों में 23 लाख से अधिक वाहनों का पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट एक्सपायर हो चुका है. प्रदूषण की रोकथाम के लिए परिवहन विभाग सख्ती बरत रहा है. इससे वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाने वालों की संख्या करीब 75 प्रतिशत तक बढ़ गई है.

दिल्ली के पटपड़गंज स्थित एक पेट्रोल पंप पर वाहनों का पीयूसी सर्टिफिकेट बनाने वाले अरविंद शर्मा ने बताया कि जांच में वाहनों से कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन उत्सर्जन को नापा जाता है. कार व मोटरसाइकिल में bs6, bs4, bs3, bs2, bs1 सभी के अलग-अलग मानक होते हैं. कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन उत्सर्जन का भी अपना अलग मानक होता है. इसके आधार पर पीयूसी सर्टिफिकेट जारी किया जाता है.

दिल्ली में वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने लगा है और प्रदूषण की रोकथाम को लेकर प्रशासन शख्ती बरत रहा है. ऐसे में पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाने वालों की संख्या बढ़ी है. पहले मुश्किल से 20 लोग रोजाना पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आते थे. अब यह आंकड़ा करीब 35 पहुंच गया है. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बढ़ रहा है प्रशासन की ओर से शख्ती बरती जा रही है. लोग भी जागरूक हो रहे हैं.

क्या है PUC सर्टिफिकेट?

PUC यानी कि पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (Pollution under Control Certificate) को सभी गाड़ियों के लिए अनिवार्य कर दिया है. इसका सीधा मक्सद बढ़ते एयर पॉल्यूशन को कम करने का होता है. बता दें, PUC के वक्त इस बात का ख्याल रखा जाता है कि कोई गाड़ी तय किए गए स्टैंडर्ड से ज्यादा पॉल्यूशन तो नहीं कर रही है. जब तक गाड़ी का पॉल्यूशव टेस्ट नहीं हो जाता है, तब तक सर्टिफिकेट नहीं दिया जाता है.

मानक से ज्यादा वाहन के प्रदूषण करने पर नियम:यदि किसी का वहां मानक से ज्यादा प्रदूषण कर रहा है. ऐसी स्थिति में सिर्फ 24 घंटे के लिए ही पीयूसी सर्टिफिकेट जारी होता है. इस अवधि में पुलिस या परिवहन विभाग को पीयूसी सर्टिफिकेट दिखाकर जुर्माने से बच सकते हैं. इसके बाद इंजन को ठीक कराकर 24 घंटे के अंदर दोबारा पीयूसी की जांच कराकर पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाना पड़ता हैं.

नई और पुरानी कार के लिए पीयूसी के नियम

  • सभी bs6 व bs4 कार को जांच करवाने के बाद 1 साल के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट मिलता है.
  • सभी पुराने bs3 bs2 bs1 या पुरानी कर को जांच करने के बाद सिर्फ 3 महीने का सर्टिफिकेट मिलता है. इसके बाद दोबारा जांच करवानी पड़ती है.
  • सभी नई कार को 1 साल तक पीयूसी चेक करवाने की जरूरत नहीं पड़ती है.
  • रजिस्ट्रेशन के 1 साल पूरे हिने के बाद ही पीयूसी की जांच करानी होती है.

पीयूसी के चार्जेज और जीएसटी

मोटरसाइकिल 71 रुपए
पेट्रोल कार 95 95 रुपए
डीजल कार 118 रुपए

सभी में 18 % जीएसटी शामिल है

30 अगस्त 2023 तक दिल्ली में पीयूसी एक्सपायर गाड़ियों की संख्या

वाहन संख्या
मोटर साईकिल 18.80 लाख
कार 3.5 लाख
बस 1000
थ्री व्हीलर (यात्री) 8,000
थ्री व्हीलर (गुड्स) 12,000
मोटर कैब्स 13,000
मोपेड 15000
अन्य मालवाहक वाहन 31000

कैसे मिलेगा PUC सर्टिफिकेट

  • PUC सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आपको पेट्रोल पंप जाना होगा.
  • किसी भी पेट्रोल पंप पर आपको पॉल्यूशन चेक सेंटर मिल जाएगा.
  • ये सभी सेंटर राज्य से ही ट्रांसपोर्ट विभाग से ऑथोराइज्ड होते है.
  • आपके PUC सर्टिफिकेट पर सीरियल नंबर होगा.
  • इसके साथ ही गाड़ी की लाइसेंस प्लेट का नंबर, जिस दिन गाड़ी का टेस्ट कराया गया हो वो तारीख होती है.
  • PUC सर्टिफिकेट पर इसके एक्सपायर होने की तारीख के साथ टेस्ट में किया गया दिन की तारीख भी मैन्शन होती है.

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Last Updated : Oct 9, 2023, 4:04 PM IST

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