नई दिल्लीः दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के हिंसा आरोपी ताहिर हुसैन की अपने खिलाफ दर्ज यूएपीए के मामले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया किया है. जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने दिल्ली पुलिस को 28 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. ताहिर हुसैन के खिलाफ दिल्ली हिंसा के मामले में एफआईआर नंबर 59/2020 में यूएपीए की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
ताहिर हुसैन के खिलाफ यूएपीए की धारा 13, 16,17, 18, आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. ताहिर हुसैन की याचिका में यूएपीए की धारा 13, 16,17, 18 के तहत मामला दर्ज करने को चुनौती दी गई है. याचिका में मांग की गई है कि एफआईआर में यूएपीए की इन धाराओं को हटाया जाए.
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याचिका में दिल्ली सरकार की ओर से यूएपीए के तहत अभियोजन चलाने की स्वीकृति देने के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है. सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से वकील मोहित माथुर ने कहा कि ताहिर हुसैन के खिलाफ यूएपीए की धाराएं लगाने का पर्याप्त कारण मौजूद नहीं हैं. माथुर ने कहा कि आज असहमति को आतंकी गतिविधि की तरह पेश किया जा रहा है.
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बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 18 लोगों को आरोपी बनाया है. इनमें से सफूरा जरगर को मानवीय आधार पर जमानत मिली है, जबकि नताशा नरवाल, देवांगन कलीता और आसिफ इकबाल तान्हा को नियमित जमानत मिली है. इन चारों को छोड़कर जो आरोपी जेल में बंद हैं, उनमें ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम और फैजान खान शामिल हैं.