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दिल्ली हिंसा के आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी - शरजील इमाम की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 24 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

Delhi High court
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Published : Mar 9, 2022, 1:22 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 24 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

सुनवाई के दौरान शरजील इमाम की ओर से पेश वकील तनवीर अहमद मीर ने कहा कि एफआईआर में शरजील इमाम के भाषणों की मात्र तीन लाईन को उद्धृत किया गया है. लेकिन अगर उसके पूरे भाषण को पढ़ा जाए तो उसके मायने अलग होंगे. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने जमानत देने या नहीं देने पर कोई विचार नहीं किया है. सभी आरोप सात से कम की सजा वाले हैं. आरोपी को जमानत क्यों नहीं दी जा सकती है. कौन-कौन गवाह हैं. तब दिल्ली पुलिस ने कहा कि शरजील इमाम के लिए राजद्रोह का आरोप है जिसमें उम्रकैद की सजा का प्रावधान है. तब कोर्ट ने कहा कि राजद्रोह के मामले में हिंसा के लिए आह्वान का आरोप होना चाहिए.

बता दें कि जनवरी में कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने शरजील इमाम की जमानत याचिका खारिज करते हुए उसके खिलाफ राजद्रोह के आरोप तय करने का आदेश दिया था. 24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पूरक चार्जशीट दाखिल किया गया था. पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17 और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 109, 124ए, 147, 148, 149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395, 419, 420, 427, 435, 436, 452, 454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.

चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया जिसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी. इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया. यह प्रचार किया गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा. बता दें कि शरजील को बिहार से गिरफ्तार किया गया था.
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