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बंद पड़े विद्यालयों को निगम देगी किराए पर, पहले फेज में 14 विद्यालयों का टेंडर

नॉर्थ एमसीडी के प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या घटने बाद निगम के कई स्कूलों को मर्ज कर दिया गया और कुछ विद्यालय जो लंबे समय से बंद पड़े हैं. ऐसे में बंद पड़े निगम विद्यालयों की देखरेख को लेकर निगम इन्हें शिक्षण संगठनों को देने जा रही. यह योजना साल 2018 में प्रस्तावित की गई थी. जिसे अमलीजामा पहनाने का प्रयास किया जा रहा है. इस पूरी योजना के तहत निगम अपने बंद पड़े विद्यालयों को निजी शिक्षण संस्थानों को किराए पर देगी. जिससे निगम को राजस्व मिलने के साथ ही स्कूलों की देखरेख भी आसानी से होगी.

Corporation will give rent to closed schools
बंद पड़े विद्यालयों को निगम देगी किराए पर

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Published : Sep 23, 2021, 12:08 PM IST

नई दिल्ली:वर्तमान समय में आर्थिक बदहाली से जूझ रही नॉर्थ एमसीडी लगातार कई कदम उठा रही है. ताकि राजस्व को बढ़ाया जा सके. पिछले कुछ सालों में बच्चों की संख्या में लगातार कमी हो रही है. जिसे देखते हुए नॉर्थ एमसीडी ने कई स्कूलों को मर्ज कर दिया है. जिसकी वजह से मौजूदा समय में बड़ी संख्या में निगम के स्कूल या तो बंद पड़े हैं या खाली हो चुके हैं. ऐसे में निगम इन स्कूलों को अपने राजस्व बढ़ाने के मद्देनजर इस्तेमाल करने जा रही है और इसके लिए पूरी योजना तैयार कर ली गई है.

बता दें कि नॉर्थ एमसीडी अपने बंद पड़े विद्यालयों को प्राइवेट एजेंसी को देगी. जिसके लिए पूरी योजना तैयार कर ली गई है. इस योजना के तहत निगम पहले फेज में 14 स्कूलों के अंदर कोचिंग सेंटर खोलने के लिए प्राइवेट एजेंसी को देने वाली है. ये सभी 14 स्कूल वर्तमान समय में बंद हैं. इनके अंदर किसी भी तरह की कोई शिक्षण गतिविधि निगम के द्वारा नहीं की जा रही है. साथ ही इन स्कूलों को लीज पर देने के मद्देनजर निगम द्वार टेंडर खोल दिया गया है.

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बता दें कि नॉर्थ एमसीडी के पास पहली कक्षा से लेकर 5वीं कक्षा तक के स्कूल हैं. जिनमें लगभग कुछ साल पहले तक 3 लाख बच्चे पढ़ते थे. लेकिन बीते कुछ सालों में यह संख्या 2.30 लाख तक सिमट कर रह गई है. बच्चों की संख्या में लगभग 70 हजार की कमी आई है. ऐसे में निगम ने कई स्कूलों को मर्ज किया गया है. जिसकी वजह से वर्तमान में निगम के बड़ी संख्या में स्कूल या तो बंद पड़े या खाली हो चुके हैं.

वहीं इस विषय पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि निगम के कुछ स्कूलों में बच्चों की संख्या लगभग 100 तक रह गई थी. जिसके बाद उन्हें दूसरे स्कूलों के साथ मर्ज कर दिया गया. ऐसे में कई स्कूल खाली हो गए और अब खाली स्कूलों को नॉर्थ एमसीडी शिक्षण संस्थानों को लीज पर देने जा रही है. पूरी योजना आरपी सेल के अफसरों द्वारा बनाई गई है. ताकि निगम के राजस्व को बढ़ाया जा सके. निगम ने कोचिंग सेंटर खोलने के लिए प्राइवेट एजेंसियों का टेंडर भी कर दिया है. पहले चरण में नरेला, सिटी एसपी, सिविल लाइंस और करोल बाग के कुल 14 स्कूल में कोचिंग सेंटर खोलने की योजना निगम बना रही है.

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वहीं इस पूरे मामले में आप नेता सौरभ भारद्वाज ने निगम के ऊपर गंभीर रूप से भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. जिसके बाद नॉर्थ एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन जोगीराम जैन ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि नॉर्थ एमसीडी के ऊपर आप नेता द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह पूरी तरह से झूठ है. बता दें कि निगम के शिक्षा विभाग द्वारा 2018 में ही 14 विद्यालयों के भवनों को कोचिंग सेंटर पर जाने के लिए प्रस्ताव लाया गया था. इन सभी विद्यालयों को 5 साल के लिए कोचिंग सेंटर को देने के लिए प्रस्ताव था. इस संबंध में 15 सितंबर 2021 तक निविदाएं प्राप्त करने की अंतिम तारीख थी. लेकिन कोई भी निविदा नहीं आई है. जिसके बाद तारीख को 22 अक्टूबर 2021 तक बढ़ा दिया गया है. निगम के विद्यालय भवनों को केवल शिक्षा संबंधित गतिविधियों के लिए ही दिया जा सकता है.

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मौजूदा समय में निगम की वित्तीय स्थिति से हर कोई वाकिफ है. ऐसे में निगम विद्यालय के खाली पड़े विद्यालयों को ऐसे ही छोड़ दिया गया तो न तो उनकी मेंटेनेंस हो पाएगी और न ही उनका रखरखाव. देखा जाए तो नॉर्थ एमसीडी ने अपने बंद पड़े विद्यालयों को कोचिंग सेंटर और किराए पर देने के मद्देनजर टेंडर प्रक्रिया खोल दी है. यह सभी वह विद्यालय के पिछले 2 साल से ज्यादा लंबे समय से बंद पड़े हैं.

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