नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए 12 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी होगा. इसके साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. मेयर, डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव लड़ने वाले पार्षद 18 अप्रैल तक नामांकन भर सकेंगे. निगम सदन की बैठक 26 अप्रैल को बुलाई गई है. उसी में चुनाव संपन्न होगा.
रविवार को दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्री और एमसीडी के मनोनीत सदस्य सौरभ भारद्वाज ने नए मेयर के चुनाव के लिए 26 अप्रैल की तारीख तय होने का ऐलान किया था और कहा था कि चुनाव उसी दिन सदन की बैठक में होगा. नियमों के अनुसार हर हाल में 30 अप्रैल से पहले नए मेयर का चुनाव करना जरूरी है. मेयर शैली ओबरॉय का कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो चुका है, लेकिन नए मेयर के चुनाव होने तक अन्य औपचारिकताएं एमसीडी प्रशासन के माध्यम से वर्तमान मेयर ही पूरी करेंगी.
LG के अनुमति की जरूरत नहींः मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि सभी नए पार्षद शपथ ले चुके हैं. निगम सदन का गठन हो चुका है और एक बार मेयर का चुनाव भी हो चुका है. इसीलिए मेयर चुनाव के लिए उपराज्यपाल कार्यालय से अनुमति या उनके किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है. डिप्टी मेयर को भी प्रोटेम स्पीकर या पीठासीन अधिकारी बनाकर चुनाव संपन्न कराया जा सकता है.
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शैली ओबरॉय को दोबारा मौका दे सकती है AAP: नियमों के अनुसार, नई एमसीडी गठित होने के बाद मेयर का पद पहले साल किसी महिला उम्मीदवार के लिए रिजर्व होने के बाद दूसरे साल सामान्य वर्ग के किसी उम्मीदवार के लिए सुरक्षित रहता है. आम आदमी पार्टी की सूत्रों की मानें तो शैली ओबरॉय को ही दूसरा मौका दिया जाएगा. ऐसे में शैली ओबराय मेयर चुनाव के लिए दोबारा नामांकन भर सकती है. नियमों के तहत भी ऐसी कोई बाध्यता नहीं है कि उनके जगह किसी नए चेहरे को मेयर बनाया जाए. सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के रूप में किसी महिला को भी मेयर बनाया जा सकता है.
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मेयर चुनाव का यह है समीकरणः मेयर चुनाव को लेकर निगम में समीकरण की बात करें तो आंकड़ा पूरी तरह आम आदमी पार्टी के साथ है. दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के कुल 134 निगम पार्षद हैं. वहीं, बीजेपी के 104 निगम पार्षद. कांग्रेस के 9 निगम पार्षद हैं, जबकि निर्दलीय पार्षदों की संख्या 3 है. चुनाव के लिए दिल्ली के लोकसभा व राज्यसभा सदस्य और मनोनीत विधायक सदस्यों को मिलाकर कुल 274 मतों में से 149 वोट अभी भी आम आदमी पार्टी के पक्ष में है. जबकि, 114 वोट बीजेपी के पास है. ऐसे में अगर क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो आम आदमी पार्टी के मेयर चुना जाना तय है.