नई दिल्ली: बारिश ने लोगों को वायु प्रदूषण से राहत दी है, लेकिन दिल्ली में ध्वनि प्रदूषण लोगों का सुकून छीन रहा है. ध्वनि प्रदूषण का मानक दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल है, लेकिन दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की वेबसाइट के आंकड़े को देखें तो दिल्ली में औसत से ज्यादा शोर हो रहा है. दिन में दिल्ली के कई इलाकों में 80 डेसिबल तक और रात में 70 डेसिबल तक शोर हो रहा है. ज्यादा देर तक शोर में रहने से सिर दर्द हो सकता है. सुनाई देना भी बंद हो सकता है. स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ सकता है. इस तरह अन्य कई समस्याएं हो सकती हैं.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की ओर से दिल्ली में 26 स्थान पर रोजाना ध्वनि प्रदूषण नापा जाता है. रोजाना इसका आंकड़ा भी जारी होता है. डीपीसी की वेबसाइट पर जारी आंकड़े देख तो दिल्ली में ध्वनि प्रदूषण औसत से ज्यादा है. दिल्ली के करोल बाग इलाके में ध्वनि प्रदूषण सबसे ज्यादा रहता है. यहां पर भीड़भाड़ और वाहनों का दबाव ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण है. वहीं, कनॉट प्लेस में रात के वक्त ध्वनि प्रदूषण हो रहा है जिसके पीछे की वजह यहां पर कल्बो में तेज आवाज में डीजे बजता है और दिन में भीड़भाड़ भी रहती है.
इन कारणों से बढ़ रहा प्रदूषण: दिल्ली में कभी किसी इलाके में ध्वनि प्रदूषण ज्यादा होता है तो कभी कभी अन्य इलाके में ध्वनि प्रदूषण ज्यादा होता है. दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पर्यावरणविद डॉक्टर जितेंद्र नगर का कहना है कि दिल्ली की सड़कों पर वाहनों का दबाव ज्यादा होता है. जाम की स्थिति में लोग हार्न भी बजाते हैं. बाजारों में भी विभिन्न तरीके का शोर होता रहता है. इन कारणों से ध्वनि प्रदूषण हो रहा है.
ध्वनि प्रदूषण से बचने के लिए करें यह काम :
- घर के खिड़की दरवाजे को बंद रखकर ध्वनि प्रदूषण से बच सकते हैं.
- घर में लकड़ी के फर्नीचर रखने से भी ध्वनि प्रदूषण का असर कम होता है.
- सड़क के किनारे ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं जिससे ध्वनि प्रदूषण रुके.
- प्रदूषण से बचने के लिए ध्वनि अवशोषक संयंत्रों का भी प्रयोग कर सकते हैं.