नई दिल्ली/नोएडा:नोएडा पुलिस की मजबूत पैरवी के चलते ड्रग्स सहित अन्य मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में नामी विश्वविद्यालय के तीन छात्रों की अंतरिम जमानत को संबंधित न्यायालय ने खारिज कर दिया है. तीनों छात्र आदित्य, अपूर्व सक्सेना और सागर जेल भेज दिए गए हैं. जमानत देते समय संबंधित न्यायालय की ओर से कहा गया था कि छात्रों के पास से कम मात्रा में मादक पदार्थ बरामद हुआ है और आगामी दिनों में इनकी परीक्षा है. ऐसे में छात्रों को अंतरिम जमानत दी जा सकती है.
इस पर नोएडा पुलिस ने अपना पक्ष रखते हुए बताया था कि इस मामले में मात्रा के साथ यह भी देखना आवश्यक है कि इनके पास से जो मादक पदार्थ बरामद हुए हैं वो सामान्य ड्रग्स नहीं है. सभी मादक पदार्थ उच्च गुणवत्ता वाले हैं और इसकी आपूर्ति एक सिंडिकेट के तहत होती थी. जिसमें छात्रों की हिस्सेदारी और मुनाफा बराबर का होता था. तस्करी संबंधी छात्रों की चैट भी पुलिस ने इस दौरान रखी.
पुलिस ने दूसरा पक्ष रखते हुए कहा कि जब छात्रों को प्रबंधन ने विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया है तो परीक्षा के आयोजन वाली बात स्वत: समाप्त हो जाती है. कोर्ट ने पुलिस के दोनों पक्ष पर सहमति जताई और जमानत को खारिज कर दिया. जमानत मिलने के बाद ही नोएडा पुलिस ने इस मामले में फिर से अपना पक्ष रखने की बात कही थी.
डीसीपी हरीश चंदर ने इस बात की पुष्टि की है कि तीनों छात्रों को जेल भेज दिया गया है. छात्रों को निलंबित करते हुए प्रबंधन ने कहा था कि जब तक मामले की जांच चल रही है आरोपी छात्र निलंबित रहेंगे.सेक्टर-126 थाने की पुलिस ने एक सप्ताह पहले मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में नौ तस्करों को गिरफ्तार किया था. इसमें नामी विश्वविद्यालय के चार छात्र भी शामिल थे. जो प्रबंधन और कानून की पढ़ाई कर रहे हैं. इनकी निशानदेही पर भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद हुए थे.
जिले के कॉलेजों और विश्वविद्यालय के छात्रों तक गांजा और चरस सहित अन्य मादक पदार्थ पहुंचाने वाले नाइजीरियन मूल के नागरिक सहित तीन आरोपी अब भी फरार हैं. इस मामले में सोमवार को नोएडा पुलिस ने दिल्ली समेत अन्य ठिकानों पर दबिश दी. हालांकि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी का कहना है कि फरार आरोपियों के बारे में कुछ अहम जानकारी मिली हैं. जल्द ही तीनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
अधिकारियों का कहना है कि गिरोह के सरगना से मिले ड्रग्स और गांजे को छात्र ऑर्डर आने पर ग्राहक तक पहुंचाते थे. इसमें छात्रों को कमीशन मिलता था. मादक पदार्थों की तस्करी कॉलेजों और विश्वविद्यालय के साथ ही पीजी समेत अन्य जगहों पर भी होती थी. आरोपी अक्षय कुमार रैकेट का सरगना है. जिसकी पत्नी ताइवान में रहती है. इसलिए उसका वहां आना-जाना रहता था.