नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम को लेकर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू कर दिया गया है. इसके बावजूद भी प्रदूषण के स्तर में गिरावट नहीं आ रही है. शुक्रवार सुबह दिल्ली के दो इलाकों में प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया. चिकित्सकों के मुताबिक प्रदूषण के खतरनाक स्थिति में पहुंचने से लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े देखे थे रविवार सुबह पूरी दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 225 दर्ज किया गया, यह प्रदूषण का खराब अस्तर माना जाता है. वहीं दिल्ली के मुंडका का एक्यूआई 342 और शादीपुर 335 दर्ज किया गया. ये दोनों इलाके दिल्ली में पिछले कई दिनों से सबसे ज्यादा प्रदूषित हैं. लेकिन दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति यहां पर प्रदूषण को नियंत्रित नहीं कर पा रही है. सीनियर चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर केके पांडेय का कहना है कि प्रदूषण के खतरनाक श्री में लंबे समय तक रहने से सांस लेने में परेशानी हो सकती है. ऐसे मरीज जिन्हें अस्थमा है या फेफड़े व हृदय की बीमारी से ग्रसित हैं, उनकी हालत बिगड़ सकती है.
16 स्थान पर खराब श्रेणी में प्रदूषण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट देखें तो शुक्रवार सुबह दिल्ली में 16 स्थान पर प्रदूषण खराब श्रेणी में रहा. इन इलाकों में एनएसआईटी द्वारका, आरकेपुरम, पंजाबी बाग, नेहरू नगर, द्वारका सेक्टर 8, पटपड़गंज, सोनिया विहार, जहांगीरपुरी, रोहिणी, विवेक विहार, नरेला, वाजिदपुर, बनाना, पूसा, आनंद विहार और न्यू मोती बाग इलाके शामिल है. इन इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से 300 के बीच है.