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कोरोना के बढ़ते मामलों से घबराने की जरूरत नहीं, पहले की तरह बरतें सावधानी: डॉक्टर नीरज निश्चल - Dr Neeraj Nischal

Increasing cases of corona in India: देश में कोरोना के बढ़ते मामले से घबराने की जरूरत नहीं है. सिर्फ कुछ छोटी सावधानियां बरतने की जरूरत है. ये कहना है दिल्ली एम्स के मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल का.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 19, 2023, 8:37 PM IST

डॉक्टर नीरज निश्चल से खास बातचीत

नई दिल्ली: देश में कोरोना और अन्य सांस संबंधी बीमारियों के मामलों की संख्या बढ़ने का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने संज्ञान लिया है. इसको लेकर उन्होंने राज्य सरकारों से लगातार निगरानी बनाए रखने के भी निर्देश दिए हैं. इसको लेकर स्वास्थ्य सचिव की तरफ से सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई है.

इसके साथ ही मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों के साथ स्वास्थ्य संबंधी उनकी तैयारी को लेकर समीक्षा की. सोमवार को देश में कोरोना के 260 नए मामले सामने आए. इनमें केरल में कोविड के नए वैरिएंट जेएन1 का एक मामला शामिल है. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर कोरोना और अन्य साथ संबंधी बीमारियों के मामलों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं.

साथ ही सभी लोगों से आवश्यक सावधानियां बरतने और दूसरों को भी जागरूक करने की अपील की है. इससे देश में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने को लेकर लोगों के बीच भी सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है. कोरोना के मामले बढ़ने से लोगों के मन में पैनिक न फैले और लोग कोविड पॉजिटिव आने पर घबराएं नहीं, इसको लेकर ईटीवी भारत ने दिल्ली एम्स के मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल से बातचीत की. पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश:-

सवाल -कोरोना के मामले फिर से बढ़ने शुरू हो गए हैं. इनको आप कैसे देखते हैं, क्या लोगों को पहले की तरह बचाव करने की जरूरत है?
जवाब- कोविड करीब 4 साल से हमारे बीच में है. यह अब हम लोगों के बीच में अब घर कर गया है लेकिन इससे अब घबराने या चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसके बारे में हमको पता है कि इसका इलाज और इसकी वैक्सीन अब उपलब्ध है. इसका बचाव कैसे करना है उसके बारे में भी हमको पता है. इसलिए अब 2020 जैसी कोई स्थिति नहीं है. म्यूटेशन होकर कोविड के नए-नए वैरिएंट आते रहेंगे, क्योंकि बैक्टीरिया हो या वायरस, वह सरवाइव करने की कोशिश करता है. इसी वजह से कोविड के नए-नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं. कोविड एक नॉर्मल सीजनल फ्लू की तरह हो चुका है तो नए वेरिएंट आने से मामले बढ़ने से घबराने की जरूरत नहीं है.

सवाल- अभी सर्दी का मौसम है. लोगों को ठंड लगने से भी बुखार आता है या सर्दी-जुकाम होता है. कोरोना के भी यही लक्षण हैं. कोरोना के मामले भी बढ़ रहे हैं तो क्या इन लक्षणों में कोरोना का टेस्ट कराने की जरूरत है?

जवाब- इस समय आपको आपके लोकल एरिया का जो गाइडलाइंस हो उसका पालन करना चाहिए. अभी स्लो सीजन भी चल रहा है. डेंगू के मामले भी अभी खत्म नहीं हुए हैं. इसके अलावा और भी कई वायरल इंफेक्शन हैं जो इस सीजन में देखने को मिलते हैं. वायरल इंफेक्शन की एक अच्छी बात यह है कि यह ठीक हो जाते हैं. लेकिन अगर आपके घर के पास टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध है तो आप जांच कराने की कोशिश कर सकते हैं, नहीं तो दो से तीन दिन में वायरल संक्रमण ठीक हो जाता है.

सवाल- क्या इस समय फिर से मास्क लगाने और बार-बार हाथ धोकर हैंड हाइजीन मेंटेन करने की जरूरत है?
जवाब - हम पहले भी कहते रहे हैं कि मास्क लगाना और हैंड हाइजीन को मेंटेन रखना सिर्फ कोरोना संक्रमण होने पर ही जरूरी नहीं है बल्कि किसी तरह का वायरल संक्रमण होने पर हमको मास्क लगाना चाहिए. साथ ही हैंड हाइजीन को मेंटेन करना चाहिए, जिससे हमारे घर में या और मिलने वाले लोगों को हमसे संक्रमण न फैले. घर में छोटे बच्चे, बुजुर्ग या गर्भवती महिलाएं भी होती हैं, जिनको संक्रमण होने से परेशानी हो सकती है. इसलिए संक्रमण होने पर मास्क जरूर लगाएं और हैंड हाइजीन मेंटेन करने के साथ ही साफ-सफाई का भी अधिक ध्यान रखें.

सवाल-कोरोना के कई सारे वैरिएंट अल्फा, डेल्टा, ओमिक्रोन आए और इनके बाद अब एक और नया वैरिएंट जेएन1 सुनने में आ रहा है, तो क्या इस वैरिएंट से कोरोना के मामलों की संख्या बढ़ सकती है ?
जवाब- इस समय जैएन1 वेरिएंट के बारे में बात हो रही है. डब्ल्यूएचओ ने भी इसे कोरोना का कंसर्न वैरिएंट मानने की कोशिश की है. वैसे अभी तक इस वैरिएंट के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी हमारे पास नहीं है. लेकिन, हम उम्मीद करते हैं कि यह वैरिएंट भी ओमिक्रोन वैरिएंट से ही आगे का वैरिएंट है. यह भी अन्य वैरिएंट की तरह ही व्यवहार करेगा. डेल्टा वैरिएंट की तरह गंभीर बीमार नहीं करेगा. नॉर्मल फ्लू की तरह ही बीमार करेगा अभी जहां भी इस वैरिएंट के प्रारंभिक मामले आ रहे हैं वहां अभी बहुत ज्यादा हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत नहीं पड़ रही है या जो मरीज हॉस्पिटल में जा रहे हैं उनको ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ रही है. नहीं इस वैरिएंट के संक्रमण की वजह से किसी मरीज के मरने की कोई जानकारी है. इसलिए उम्मीद है कि यह वैरिएंट भी कोविड के अन्य वैरिएंट की तरह ही रहेगा और इसके ज्यादा मामले नहीं बढ़ेंगे. इस वैरिएंट के बारे में सही स्थिति का आकलन तभी कर पाएंगे जब सभी देशों में आ रहे मामलों का एक डेटा मिलेगा.

सवाल- सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की भी संख्या अभी हाल में तेजी से बढी है तो इस तरह के रोगों से बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
जवाब- किसी भी तरह का वायरल संक्रमण हो चाहे कोविड हो या फ्लू हो या अन्य कोई सांस संबंधी बीमारी का हो, इनसे बचाव का सबसे अच्छा एक ही तरीका है कि हम मास्क लगाएं और हैंड हाइजीन को मेंटेन रखें, जिससे अगर हमें संक्रमण हुआ है तो वह किसी दूसरे व्यक्ति को ना फैले.

सवाल- अधिकतर लोगों को कोरोना का टीका लग गया है और कुछ लोगों को प्रीकॉशन डोज भी लग गई थी. लेकिन, कुछ लोगों ने टीका नहीं लगवाया है. चूंकि अभी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं तो टीका लगवाने की जरूरत है?
जवाब- निश्चित रूप से जिन लोगों ने कोरोना का टीका नहीं लगवाया है या प्रिकॉशन डोज नहीं ली थी उन्हें कोरोना वैक्सीन की डोज जरूर ले लेनी चाहिए. बुजुर्गों में संक्रमण फैलने की ज्यादा संभावना रहती है. अभी फ्लू का सीजन है तो फ्लू की वैक्सीन भी लगवानी चाहिए, जिससे कि उनको संक्रमण का खतरा कम हो जाए.

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