नई दिल्ली:इंटर्नशिप के लिए परेशान हो रहे फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स के लिए अच्छी खबर है. नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने सीटें बढ़ा दी है. दिल्ली मेडिकल काउंसिल के पास इंटर्नशिप के लिए लगभग 2400 आवेदन आए, लेकिन नियमों में बदलाव के कारण दिल्ली में केवल 42 सीटें ही आवंटित की गई थी. निजी अस्पतालों को इंटर्नशिप से दूर रखा गया था, जिसके कारण सीटें कम रह गईं थीं. इसके लिए दिल्ली मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. गिरिश त्यागी ने कई बार एनएमसी को चिट्ठी लिखकर इंटर्नशिप की सीटें बढ़ाने की मांग की थी. दिल्ली में इंटर्नशिप के लिए पहले के जारी 42 सीटें को बढ़ाकर अब 587 कर दिया है. इसमें 5 सरकारी अस्पताल और 6 निजी अस्पताल शामिल है.
एनएमसी के 2022 की एक अधिसूचना के अनुसार, विदेशों से पढ़कर आए मेडिकल के स्नातक छात्रों को सिर्फ मेडिकल कॉलेजों में ही इंटर्नशिप कराने या करने का प्रावधान किया गया था. इससे विदेशी छात्रों के लिए दिल्ली के सरकारी या अर्द्धसरकारी अस्पतालों में इंटर्नशिप की सीटें कम हो गईं थी. ऊपर से मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, लेडी हार्डिंग और एम्स जैसे बड़े सरकारी मेडिकल कॉलेजों ने भी इन छात्रों को इंटर्नशिप देने से मना कर दिया था.
इंटर्नशिप के दौरान नहीं मिलेगा स्टाइफन:डीएमसी के रजिस्ट्रार डॉ. गिरिश त्यागी ने बताया कि डीएमसी के प्रयास से एनएमसी ने इंटर्नशिप के लिए सीटें बढ़ा दी है. अब अधिक छात्रों को इसका लाभ मिलेगा, लेकिन कोई भी इंटर्न स्टाइफन का दावा नहीं कर पाएगा. दिल्ली मेडिकल काउंसिल में इंटर्नशिप के लिए लगभ 2400 फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स ने आवेदन किया था. पहले जहां दिल्ली में कुल 42 इंटर्न की सीटें ही जारी की गई थी. वहीं, अब इसे बढ़ाकर 587 कर दिया गया है.
इससे अधिक छात्र लाभान्वित होंगे. डीएनबी-पीडीसीईटी के तहत डीएनबी प्रशिक्षण प्रदान करने वाले पीजी संस्थानों में इंटर्नशिप रोटेशन के आवंटन के लिए दिल्ली के एनसीटी में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) न सूचित किया है कि वे इनमें से किसी भी संस्थान में इंटर्नशिप के दौरान किसी भी वजीफे के पात्र नहीं होंगे. सीटों के आवंटन की प्रक्रिया दिल्ली मेडिकल काउंसिल के जरिए होगी.