नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने असम के तिनसुकिया जिले में बागजान स्थित तेल के कुएं में लगी आग की जिम्मेदारी ठेकेदार पर मढ़कर आयल इंडिया लिमिटेड भाग नहीं सकती है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस घटना के जिम्मेदार लोगों की जिम्मेदारी तय करने के लिए छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. एनजीटी ने इस कमेटी के अलावा दो और कमेटियों का गठन किया है जो विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेगी.
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लापरवाही तय करने के लिए कमेटी
एनजीटी ने कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए. लापरवाही की जिम्मेदारी तय करने के लिए एनजीटी की ओर से गठित कमेटी की अध्यक्षता पेट्रोलियम औ प्राकृतिक गैस मंत्रालय के महानिदेशक करेंगे. इस कमेटी में हाईड्रोकार्बन के महानिदेशक, माईंस एंड सेफ्टी के महानिदेशक, आयल इंडस्ट्री सेफ्टी के डीजी, और पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी आर्गनाइजेशन (पेसो) के डीजी, चीफ कंट्रोलर ऑफ एक्सप्लोसिव्स को शामिल किया गया है.
पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन की जांच के लिए कमेटी
एनजीटी ने एयर एक्ट, वाटर एक्ट, एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट और हेजार्डस वेस्ट रुल्स एक्ट का पालन किया गया है कि नहीं. इसकी पड़ताल के लिए भी सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में वन और पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, असम राज्य नियंत्रण बोर्ड, असम स्टेट एनवायरमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी, असम के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन, असम के बायोडायवर्सिटी बोर्ड के सदस्य सचिव और असम वेटलैंड अथॉरिटी के सदस्य सचिव शामिल हैं. कमेटी तीन महीने में अपना काम पूरा करेगी.