नई दिल्ली:नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पंजाब और हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वो 1 जनवरी 2024 से 1 सितंबर 2024 तक पराली जलाने से निपटने के लिए एक्शन प्लान तैयार करें. इस मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी को होगी. एनजीटी ने इस संबंध में दोनों सरकार को एक्शन प्लान छह हफ्ते में दाखिल करने का निर्देश दिया है.
एनजीटी ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की रिपोर्ट पर गौर करते हुए पाया कि 15 सितंबर से लेकर 28 नवंबर तक पंजाब में पराली जलाने की 36,632 घटनाएं, हरियाणा में 2285 और पूरे एनसीआर क्षेत्र में 39,129 घटनाएं हुई है. एनजीटी ने कहा कि पराली जलाने की घटनाएं हर साल गंभीर रुप लेती जा रही है. ऐसे में इससे निपटने के लिए योजना बनाने की जरुरत है. एनजीटी ने पंजाब और हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि वे 1 जनवरी 2024 से 1 सितंबर 2024 के बीच चरण वार समयबद्ध योजना बनाएं, ताकि पराली जलाने से रोका जा सके.
बता दें कि इससे पहले एनजीटी ने पराली जलाने को लेकर 20 नवंबर को पंजाब सरकार को फटकार लगाया था. एनजीटी ने कहा था कि पंजाब में पराली जलाने की घटना में शामिल लोगों के खिलाफ एक समान कार्यवाही नहीं की गई. तब एनजीटी ने कहा था कि वह मौजूदा हालात से चिंतित है, क्योंकि अगर सरकार कोई कार्रवाई नहीं भी करेगी तो भी दिसंबर में पराली जलाने की घटना अपने आप कम हो जाएगी.
एनजीटी ने पंजाब सरकार से कहा था कि आपने वो खबरें देखी जिसमें कहा गया कि बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को प्रदूषण से दिक्कत हो रही है. इस पर पंजाब सरकार ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि सिर्फ पंजाब ही नहीं दूसरी जगह भी पराली जलाई जा रही है. तब एनजीटी ने कहा था कि पंजाब के चीफ सेक्रेटरी भी खुद मान रहे हैं कि यहां पराली जलाई जा रही है. वहीं, एनजीटी ने इलेक्ट्रिक बसों को लेकर दिल्ली सरकार को भी फटकार लगाई थी. एनजीटी ने पूछा कि 10 हजार इलेक्ट्रिक बस चलाने में कितना साल लगेगा. नवंबर में कितनी इलेक्ट्रिक बस खरीदी गई. आपकी रिपोर्ट सरकार के प्रचार के लिए है.