नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने सभी राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को निर्देश दिया है कि वे तेलशोधन कारखानों से निकले हानिकारक कचरों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण सुनिश्चित करें. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ऑक्साइड उत्प्रेरकों की श्रेणी वाले जहरीले कचरे की मात्रा और उसके निस्तारण का तरीका स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं है.
हेजार्डस वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स का उल्लंघन
एनजीटी द्वारा गठित छह सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आईओसीएल पानीपत, आईओसीएल मथुरा रिफाइनरी, आईओसीएल बरौनी और रिलायंस जामनगर, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा स्वीकृत मात्रा से अधिक मात्रा में उत्प्ररेक रसायनों का उत्सर्जन कर रहे हैं.
ऐसा करना हेजार्डस वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स का उल्लंघन है. कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक आईओसीएल पानीपत, एचपीसीएल भटिंडा और आईओसीएल डिगबोई हानिकारक और अन्य प्रकार के कचरों की पैकेजिंग तथा लेबलिंग भी नहीं कर रहे हैं.