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दिल्ली में अब डीजल जनरेटर चलाया तो खैर नही, प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने उठाया कठोर कदम

Diesel generator ban in Delhi-NCR: दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से 31 दिसंबर तक सभी सोसायटियों और इंडस्ट्री संचालकों से डीजल जनरेटर को बायोफ्यूल पर कनवर्ट करने के लिए कहा गया था. 1 जनवरी से यदी कोई डीजल जनरेटर चलाता हुआ पाया जाता है तो उसपर जुर्माने की कार्रवाई होगी.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 1, 2024, 12:31 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने अपनी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पॉलिसी को अगले तीन महीने के लिए बढ़ाने की योजना बनाई है. इस नीति को मार्च 2024 के अंत तक बढ़ाया जाएगा. इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी जल्द ही दी जाएगी. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की ओर से इसकी पुष्टि की गई है. दिल्ली में सख्ती के कारण इंडस्ट्री में लगे डीजी सेट बायोफ्यूल पर कनवर्ट कर दिए गए हैं, लेकिन अभी तक सोसायटीयों के डीजी सेट बायोफ्यूल पर कनवर्ट नहीं हो पाए हैं. फिलहाल वहीं गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से अब छूट नहीं दी गई है. ऐसे में डीजल जनरेटर चलाने पर प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से कार्रवाई होगी.

दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय लगातार दावा करते आए हैं कि दिल्ली की सभी इंडस्ट्रियों में लगे डीजी सेट को बायोफ्यूल पर कनवर्ट कर दिया गया है, वह सीएनजी या पीएनजी से चल रही हैं. दिल्ली में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति दी जाती है. ऐसे में जनरेटर चलाने की जरूरत नहीं पड़ती. लेकिन अभी भी कई सोसायटी में लगे जनरेटर बायोफ्यूल पर नहीं आ सकते हैं. एनसीआर के शहरों की बात करें तो प्रदूषण विभाग की ओर से सख्ती के कारण ज्यादातर इंडस्ट्री में लगे डीजी सेट बायोफ्यूल पर आ गए हैं. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक जिन फैक्ट्रियों ने डीजी सेट को बायोफ्यूल पर कनवर्ट नहीं किया है. उनका संचालन बंद है.

आनंद विहार से सटे कौशांबी अपार्टमेंट रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष वीके मित्तल ने कहा कि, "सभी सोसायटियों के पास इतना फंड नहीं है कि वह 10 लाख रुपये लगाकर डीजी को बायोफ्यूल पर कनवर्ट करें. सरकार दो रुपये प्रति लीटर डीजल पर पोल्यूशन टैक्स लेती है. इसके बाद अब ऐसे में डीजी सेट को कनवर्ट करने के लिए बोलती है. ज्यादातर सोसायटियों में पुराने जनरेटर को बदल दिया गया है, बायोफ्यूल वाले जनरेटर लगाए गए हैं.

छूट खत्म अब होगी कार्रवाईःवायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से 31 दिसंबर तक छूट दी गई थी. सभी सोसायटियों और इंडस्ट्री संचालकों से 31 दिसंबर तक डीजल जनरेटर को बायोफ्यूल पर कनवर्ट करने के लिए कहा गया था, जिससे प्रदूषण न हो. अब छूट खत्म हो गई है. प्रदूषण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जांच में यदि कोई भी डीजल जनरेटर चलाता हुआ पाया जाता है तो उसपर जुर्माने की कार्रवाई होगी.

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नहीं बन पाई है नई ईवी पॉलिसी: वर्ष 2020 में लागू हुई ईवी पॉलिसी में दोपहिया वाहन प्रति किलोवाट बैटरी क्षमता पर 5,000 रुपये की सब्सिडी मिलती है. तिपहिया वाहन कुल लागत या बैटरी क्षमता के अनुसार 30,000 रुपये की सब्सिडी दी जाती है. चार पहिया वाहनों के लिए सब्सिडी 10,000 रुपये प्रति किलोवाट बैटरी क्षमता केवल योजना के तहत पंजीकृत पहले 1,000 ईवी के लिए उपलब्ध है. ईवी नीति 8 अगस्त, 2023 को समाप्त हो गई थी. बार-बार विस्तार दिया गया है. दरअसल नई नीति अभी तक तैयार नहीं की गई है. परिवहन विभाग के विशेषज्ञ ईवी 2.0 और कैब एवं बस एग्रीगेटर्स समेत परिवहन विभाग की कई नीतियों को आकार देने पर काम कर रहे थे. ईवी पॉलिसी 2.0 कब तक बनकर तैयार होगी और कब लागू होगी अभी कुछ तय नहीं है.

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