नई दिल्ली: साहित्य अकादमी द्वारा त्रिवेणी कला संगम में 24 भारतीय भाषाओं के विशिष्ट युवा लेखकों को साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2022 (sahitya akademi youth award) से पुरस्कृत किया गया. पुरस्कार साहित्य अकादेमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिक एवं मुख्य अतिथि प्रख्यात साहित्यकार ममता कालिया द्वारा प्रदान किए गए. पुरस्कार विजेताओं को एक उत्कीर्ण ताम्र-फलक और प्रत्येक को रुपये 50,000/- की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की गई. कार्यक्रम का आरंभ गणेश वंदना से हुआ. साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने अकादमी के उपाध्यक्ष एवं मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि युवा हर समाज को स्पंदित रखते हैं और परिवर्तन का प्रतीक हैं, अतः भविष्य के वृक्ष के रूप में उनको प्रोत्साहित एवं सुरक्षा देना हम सभी का कर्त्तव्य है.
साहित्य अकादेमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिक ने कहा कि आज के पुरस्कृत युवा लेखक एक नए भारतीय परिवेश का निर्माण कर रहे हैं, जिसमें भाषा की बाध्यता अब कोई महत्त्वपूर्ण बात नहीं रह गई है. नई पीढ़ी के पास अभिव्यक्ति के अनेक नए साधन हैं और वे अब कई विधाओं का अतिक्रमण कर अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर रहे हैं. मुख्य अतिथि के रूप में अपने वक्तव्य में ममता कालिया ने कहा कि अब का युवा सच में युवा है और उसके पास विचारों से लेकर अन्य सभी जानकारियों की उपलब्धता है. उनका लेखन आशा से भरा हुआ है. कई मंचों पर सक्रिय यह नई पीढ़ी नई ऊर्जा से भरपूर है और उसका हर कृत्य उत्साहजनक है.
ममता कालिया ने युवा पीढ़ी को आगाह भी किया कि लिखने से पहले क्या नहीं लिखना है, उस पर विचार करना ज़रूरी है. विषय का चयन ही उत्कृष्ट रचना का आधार बनता है. उन्होंने सभी युवा पुरस्कार विजेताओं को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पुरस्कार उन्हें एक कंदील की तरह नए पुरस्कार जीतने की रोशनी और उत्साह प्रदान करेगा.
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