नई दिल्लीः एनडीएमसी ने कोरोना महामारी के दौरान छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रखने के लिए एक यूट्यूब चैनल लॉन्च किया है. इस यूट्यूब चैनल का नाम अटल आदर्श शिक्षा रखा गया है. एनडीएमसी के चेयरमैन धर्मेंद्र ने इस यूट्यूब चैनल को मंगलवार को लॉन्च किया.
एनडीएमसी ने शुरू किया यूट्यूब चैनल इस अवसर पर शिक्षा विभाग के डायरेक्टर आरपी गुप्ता ने ऑनलाइन रहते हुए बताया कि पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है. कई अन्य चीजों की तरह शिक्षा भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. मार्च 2020 से ही स्कूल बंद हैं. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. ऐसे में न्यू नॉर्मल के तहत एनडीएमसी के स्कूल को यूट्यूब चैनल के द्वारा ऑनलाइन किया गया है.
दो यूट्यूब चैनल लॉन्च
एनडीएमसी के शिक्षाविद महामारी के दौरान भी पढ़ाई जारी रखने के लिए अच्छी योजनाओं के साथ सामने आ रहे हैं. सभी शिक्षा विशेषज्ञों के मशवरे के बाद नई दिल्ली नगर पालिका परिषद का शिक्षा विभाग खुद का एक यूट्यूब चैनल लेकर सामने आया है. नवयुग स्कूलों के लिए यूट्यूब चैनल का नाम नवयुग प्रगति रखा गया है, जबकि आदर्श विद्यालय के लिए अटल आदर्श शिक्षा रखा गया है. इन यूट्यूब चैनल के माध्यम से टीचर छात्रों के संपर्क में रहेंगे और इसी चैनल के माध्यम से छात्रों को विभिन्न विषयों की पढ़ाई कराएंगे.
शुरुआत में प्राइमरी क्लास के छात्रों पर फोकस
गुप्ता ने बताया कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के स्कूल की टीचर छात्रों को अब यूट्यूब चैनल के माध्यम से पढ़ाएंगे. टीचर छात्रों को क्वेश्चन आंसर शीट देंगे. इससे संबंधित वीडियो भी जारी करेंगे. फिजिकल क्लासरूम जैसा इसे बनाने की कोशिश की जाएगी. नर्सरी क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक के छात्रों के लिए यूट्यूब चैनल के माध्यम से सिलेबस की चीजों को छात्रों को समझाया जाएगा. पहले फेज में प्राइमरी स्कूल के छात्रों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा.
मौजूदा समय में ऑनलाइन ही एकमात्र उपाय
इस अवसर पर एनडीएमसी के सचिव अमित सिंगला ने बताया कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद का यही प्रयास रहा है कि कैसे अधिक से अधिक बच्चों के संपर्क स्थापित किया जाए. बच्चे मानसिक रूप से स्वस्थ रहें और नियमित रूप से पढ़ाई हो सके. इस बदलते समय में ऑनलाइन शिक्षा ही बच्चों को शिक्षित करने का महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है.
यूट्यूब चैनल के माध्यम से एनडीएमसी के टीचर छात्रों को लाईव लेशन उपलब्ध कराएंगे. छात्र ना केवल पढ़ पाएंगे, बल्कि अपनी शिक्षा संबंधी समस्याओं का भी हल कर पाएंगे. आवश्यकता होने पर छात्र पढ़ी हुई चीजों को दोबारा भी देख सकते हैं. शुरुआत में सिर्फ प्राइमरी कक्षा के छात्रों के लिए यह सुविधा उपलब्ध होगी. बाद में इसे अन्य कक्षाओं में भी लागू किया जाएगा.