नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान में वर्ल्ड एनवायरनमेंट एक्सपो का आयोजन किया गया है. इसमें कई ऐसी मशीनों और इक्विपमेंट्स को भी प्रदर्शित किया गया है, जो प्लास्टिक पॉल्यूशन को कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकती हैं. साथ ही प्लास्टिक वेस्ट मैट्रेरिलस को किस तरह मैनेज किया जा सकता है. ऐसे कई उपकरणों को भी प्रदर्शित किया गया है.
एक्सपो में आए जनसरोकार समिति के चेयरमैन मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत को बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक का बेहतरीन विकल्प नेचुरल वेस्ट हो सकता है. जनसरोकार F. P. O. बालाघाट जिला मध्य प्रदेश ने वर्षों के प्रयत्न के बाद अपनी स्वयं की खोज करके इसका निर्माण किया है. उन्होंने बताया कि पूरे देश से पराली जलाने से उत्पन्न प्रदूषण की समस्या को रोकने और नव युवकों को रोजगार की बढ़ोतरी की संभावनाओं को सोच कर इसका निर्माण शुरू किया गया था.
मुरली मनोहर ने बताया कि इस सभी उत्पादकों को इस्तेमाल के बाद पशुओं, मछलियों, कीट पतंगों के आहार के रूप में दिया जा सकता है. इनकी विशेषता यह भी है कि दीपदान करने के बाद/नदियों, तालाबों, पोखरों, समुद्र आदि में डूबने के बाद, जल जीवों के भोजन बनने के कारण किसी भी प्रकार से जल को प्रदूषित नहीं करेंगे. अगर किन्हीं कारणों से जो उत्पाद जानवरों के आहार नहीं बन पायेंगे, वे 6 माह की अल्प अवधी में उच्चकोटी का खाद बन कर खेतों की उर्वरकता बढ़ाएंगे. इस प्रकार जनसरोकर के ये उत्पाद हर प्रकार से रसायन मुक्त एवं प्रदूषण रहित है.