नई दिल्ली: किसान आंदोलन के बाद अब एक देशव्यापी युवा आंदोलन की तैयारी जोरों पर है. देशभर के 113 समूहों और संगठनों ने साथ आकर 'संयुक्त युवा मोर्चा' का गठन किया है. यह जानकारी युवा नेता अनुपम ने प्रेस वार्ता के दौरान दी. उन्होंने बताया कि सोमवार 3 अप्रैल को देश के 22 राज्यों से आए समूह और संगठनों के साथ रोजगार के मसले पर दिल्ली में बैठक आयोजित की गई. इसमें प्रतिनिधियों, युवा नेताओं और विभिन्न राज्यों के भर्ती समूह और रोजगार के मसले पर कार्य कर रहे संगठनों ने हिस्सा लिया.
प्रेस वार्ता में मौजूदा समय में देश के अंदर चल रहे हालातों को लेकर तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई. इसमें देशभर के अलग-अलग राज्यों में सरकारी भर्तियों को लेकर जिस तरीके पेपर लिक, बेरोजगारी आदि विषयों पर बात की गई. अनुपम ने बैठक में पेश प्रस्ताव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज रोजगार, युवाओं के लिए जीवन मरण का सवाल बन चुका है. बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की खबरें बढ़ती जा रही है. देश के युवाओं को सरकार से 'भरोसा' यानी 'भारत रोजगार संहिता' की जरूरत है. इसके लिए हमें सामूहिक रूप से संघर्ष करना होगा. जनता के बीच परिवर्तन की इस आशा को जगाने के लिए एक जन आंदोलन की आवश्यकता है.
इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि आज के दौर में देश के अंदर हालात बहुत बुरे हैं. हमारे देश की सबसे ज्यादा आबादी युवाओं के ऊपर निर्भर है और जब युवाओं को ही नौकरी नहीं मिलेगी तो देश किस ओर जा रहा है हम समझ सकते हैं. सभी सरकारी संपत्तियों को प्राइवेट किया जा रहा है और सिर्फ एक दो उद्योगपतियों और पूंजी पतियों को ही बढ़ावा दिया जा रहा है. चाहे एयरपोर्ट हो या सरकारी बैंक, सभी चीजों को प्राइवेट किया जा रहा है. हम सिर्फ समस्या को लेकर शोर नहीं मचा रहे, बल्कि समाधान भी सुझा रहे हैं.