नई दिल्ली:दिल्ली की मौजूदा मुख्य सचिव नरेश कुमार को रिटायरमेंट से ठीक एक दिन पहले केंद्र सरकार द्वारा सेवा विस्तार दिए जाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिल गई है. ऐसे में नरेश कुमार दिल्ली के पहले मुख्य सचिव बन गए हैं, जिन्हें सेवा विस्तार दिया गया है. वहीं, देर रात आदेश के बाद गृह मंत्रालय ने सेवाओं को 6 महीने की अवधि के लिए बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने यह दलील दी कि पिछले 30 सालों में दिल्ली में किसी भी मुख्य सचिव को सेवा विस्तार नहीं दिया गया, ऐसे में केंद्र द्वारा मौजूदा मुख्य सचिव को सेवा विस्तार देना सही नहीं है. हालांकि, मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव के कार्यकाल के सेवा विस्तार को हरी झंडी दे दी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव की नियुक्ति का अधिकार और शक्ति केंद्र के पास है. ऐसे में मौजूदा मुख्य सचिव को 6 महीने का एक्सटेंशन दिया जा सकता है. वहीं, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी कहा कि बीते 10 सालों में देश में 57 मुख्य सचिव को सेवा विस्तार दिया गया है, इसलिए दिल्ली के मुख्य सचिव को सेवा विस्तार देना कोई गलत नहीं है.
अरुणाचल प्रदेश के भी मुख्य सचिव रह चुके हैं नरेश कुमार:नरेश कुमार तेजतर्रार आईएएस अधिकारी माने जाते हैं. वह 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से आने वाले नरेश कुमार ने एमबीए की भी पढ़ाई की है. दिल्ली का मुख्य सचिव बनाए जाने से पहले वह ढाई साल तक अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव रहे थे. इससे पहले वह नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के अध्यक्ष और डीटीसी के मुख्य महाप्रबंधक समेत दिल्ली सरकार के कई अन्य अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
पदभार संभालते ही एक्शन में आ गए नरेश कुमार:अप्रैल 2022 में नरेश कुमार दिल्ली के मुख्य सचिव नियुक्त हुए थे. कार्यभार संभालने के साथ ही वह एक्शन मोड में आ गए थे. उस समय दिल्ली सरकार की नई शराब नीति सुर्खियों में थी. नरेश कुमार ने वहीं से शुरुआत की. आबकारी विभाग द्वारा तैयार नीति को देखते ही उन्हें लगा कि इसमें कुछ गड़बड़ी है और करीब ढाई महीने बाद ही शराब नीति को लागू करने में हुई कमियों की जांच रिपोर्ट उन्होंने उपराज्यपाल को सौंप दी. उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को बेहद गंभीर मानते हुए तुरंत इसकी जांच सीबीआई से करने की सिफारिश कर दी. इसके बाद दिल्ली सरकार को नई शराब नीति वापस लेना पड़ा था.
कोर्ट के आदेश के बाद गृह मंत्रालय ने जारी किया आदेश. सीबीआई ने इसकी जांच के बाद जब अगस्त 2022 में मुकदमा दर्ज किया, छापेमारी शुरू की तो दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 15 के खिलाफ छापेमारी की. कई गिरफ्तारी हुई और फरवरी 2023 में सीबीआई ने शराब घोटाले में ही सिसोदिया को भी गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद से वह जेल में हैं. दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग से लेकर मुख्यमंत्री केजरीवाल के बंगले के रिनोवेशन, जल बोर्ड में घोटाले आदि कई मामलों की जांच भी मुख्य सचिव कर रहे हैं.