नई दिल्ली: IIT मुंबई के छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर एक डिवाइस तैयार किया है. इससे यह पता लगेगा कि बीमारी किस तरह के बैक्टीरिया से फैल रही है जिससे सही मात्रा में उसका एंटीबायोटिक दिया जा सके.
मुबंई IIT के छात्रों ने तैयार की डिवाइस बता दें कि इस डिवाइस से एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस की समस्या से मरीजों को काफी हद तक निजात मिल सकेगी. हालांकि इस डिवाइस को अभी मार्केट में आने में 2 से 3 साल का समय लग सकता है. इसका प्रदर्शन IIT दिल्ली में किया गया.
बीमारी का सही पता लगाने में करेगा मदद
इस डिवाइस की कार्यशैली को लेकर इसे इजाद करने वाले IIT के छात्र डॉ कपिल पंजाबी ने बताया कि अक्सर इन्फेक्शन कई तरह के होते हैं और उन्हें जल्दी ठीक करने के लिए डॉक्टर मरीजों को एंटीबायोटिक दे देते हैं.
उन्होंने बताया कि इस डिवाइस को इस तरह से बनाया गया है कि जब इसमें मरीज का सैंपल डाला जाएगा तो वह चंद ही मिनटों में यह बता देगा कि यह बीमारी बैक्टीरियल इनफेक्शन है या वायरल. साथ ही यह भी बताएगा कि यदि बैक्टीरियल इनफेक्शन है तो उसके लिए कितनी मात्रा में एंटीबायोटिक डोज़ की जरूरत है.
डिवाइस में सैंपल डालते ही रंग बदल जाएगा
डॉ कपिल ने कहा कि इस तरह के सैंपल की जांच के लिए अलग से किसी मशीन, लैब या एक्सपर्ट की जरूरत नहीं है बल्कि अपनी आंखों के आगे ही जांच का परिणाम देखा जा सकेगा.
इसके काम की तकनीक के बारे में बताते हुए डॉ कपिल ने कहा कि इस डिवाइस में तरह-तरह के सैंपल जैसे कि यूरीन सैंपल, ब्लड सैंपल, प्लाज्मा आदि डालने पर चंद मिनटों में डिवाइस का रंग बदल जायेगा.
इस कलर चेंजिंग रिएक्शन के जरिए यह डिवाइस यह जानकारी देगा कि यह इंफेक्शन किस बैक्टीरिया से हुआ है और इसके लिए कितनी मात्रा में एंटीबायोटिक देना सही रहेगा.
मामूली शु्ल्क में खरीदा जा सकेगा
डॉ कपिल ने बताया कि इस जांच प्रक्रिया को पूरी होने में करीब एक से डेढ़ साल तक का समय लग सकता है. उन्होंने बताया कि इस डिवाइस के कई भाग हैं जिनकी लागत तकरीबन 10 रुपये होगी ऐसे में डिवाइस का पूरा सेट 100 रुपये के मामूली शुल्क में खरीदा जा सकेगा.