नई दिल्ली:मुखर्जी नगर में बुजुर्ग टेम्पो ड्राइवर के साथ हुई मारपीट का वीडियो आपने जरूर देखा होगा. सोशल मीडिया पर इस वीडियो ने तहलका मचा दिया. दिल्ली पुलिस ने लाठी-डंडों और लात-घूंसों से जमकर ड्राइवर और उसके 15 साल के बेटे की पिटाई की है. अब ये मामला शांत नहीं हो रहा, बस तूल पकड़ता जा रहा है.
आइए समझते हैं कि आखिर पूरा माजरा क्या है...
- 16 जून (शाम करीब 6 बजे)
ग्रामीण सेवा के एक टेम्पो चालक ने दिल्ली पुलिस की जिप्सी को टक्कर मार दी. इसके बाद चालक सरबजीत और पुलिसकर्मी के बीच कहासुनी हुई. विवाद इस कदर बढ़ गया कि ग्रामीण सेवा चालक ने पुलिसकर्मी पर कृपाण से हमला कर दिया. पुलिसकर्मी को चोट आई. बस फिर क्या था, मामला मुखर्जी नगर थाने के बाहर का था तो पुलिस को इकट्ठा होते देर नहीं लगी. पुलिसकर्मियों ने आधे घंटे तक जमकर उस ग्रामीण सेवा चालक की पिटाई की. साथ ही उसका 15 साल का बेटा भी पिटा.
- 16 जून (करीब 7 बजे)
मामले ने तूल पकड़ लिया, चूंकि चालक बुजुर्ग है. पुलिस का असभ्य तरीके से व्यवहार करना लोगों को गुस्सा दिलाने के लिए काफी था. सिख समुदाय के लोग इकट्ठा हुए और दिल्ली पुलिस के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. गुस्साए लोगों ने किंग्स-वे चौक रिंग रोड को जाम कर दिया और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे.
- 16 जून (रात करीब 9 बजे)
16 जून की रात को उग्र प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने मुखर्जी नगर थाने का घेराव किया था. इस दौरान उन्होंने दिल्ली पुलिस की वैन में तोड़-फोड़ की थी. वहीं लोगों को समझाने आए एसीपी केजी त्यागी को भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ा और वो जैसे-तैसे जान बचाकर भागे.
- 17 जून (सोमवार)
उग्र प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन राजधानी में जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन किया. इस मामले में FIR दर्ज की गई और 3 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया. बवाल यहां नहीं थमा, क्योंकि घटना के वक्त वहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे. सवाल उठा- "सिर्फ तीन पुलिसकर्मी ही सस्पेंड क्यों?"