जानकारी के अनुसार डीडीए ने सितंबर 2018 में लैंड पूलिंग पॉलिसी को मंजूरी देकर इसे अधिसूचित किया था. इसके तहत लगभग 17 लाख फ्लैट बनाए जाने हैं जिससे लगभग 76 लाख लोगों को आशियाना मिलेगा. द्वारका के आसपास बने 95 गांव की जमीन पर यह प्रोजेक्ट बनना है. इसके लिए बीते 5 फरवरी को शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वेब पोर्टल लांच किया था. यहां जाकर लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. यहां आवेदन मिलने के बाद डीडीए सत्यापन कर अनुमति से लेकर लाइसेंस तक इसी के माध्यम से देगा. इसके लिए लोगों को चक्कर नहीं काटने होंगे.
लैंड पूलिंग पालिसी के लिए डीडीए के पास आये 150 से ज्यादा आवेदन
नई दिल्ली: लैंड पूलिंग पालिसी के तहत लाखों फ्लैट बनने की दिशा में तेजी से काम चल पड़ा है. डीडीए द्वारा इस पालिसी के तहत आवेदन का वेब पोर्टल शुरु करने के बाद से औसतन 10 लोग आवेदन कर रहे हैं. डीडीए की मानें तो अब तक उनके पास 150 आवेदन आ चुके हैं. इन्हें अनुमति देने को लेकर काम चल रहा है. अनुमति मिलने के बाद ही यहां फ्लैट बनाने का काम शुरु हो पायेगा.
रोजाना 10 लोग कर रहे आवेदन
डीडीए के अनुसार लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत आवेदन करने के लिए काफी समय से लोग तैयार थे. डीडीए द्वारा 5 फरवरी को वेब पोर्टल लॉन्च किए जाने के बाद से औसतन 10 लोग रोजाना इस पॉलिसी के तहत अपना पंजीकरण कराने के लिए आवेदन दे रहे हैं. बीते सोमवार तक डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों ने इसे लेकर आवेदन दिया है और उनके इस पंजीकरण को लेकर डीडीए तेजी से काम कर रहा है.
40 पीस दी जमीन को डेवलप करेगा डीडीए
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत मिलने वाली जमीन का 40 फ़ीसदी हिस्सा वह अपने पास रखेगा जबकि 60 फीसदी जमीन पर बिल्डर फ्लैट बना सकेंगे. इस 40 फीसदी जमीन के हिस्से में डीडीए सड़क, स्कूल, अस्पताल, पार्क आदि बनाकर वहां रहने वाले लोगों को सौंपेगा. डीडीए का मानना है कि वर्ष 2020 से यहां पर निर्माण कार्य शुरू हो सकता है एवं अगले 4 से 5 सालों में यहां बड़ी संख्या में फ्लैट बनकर तैयार हो जाएंगे. 17 लाख फ्लैट बनने में लगभग 10 साल लग सकते हैं. इनके बनने से दिल्ली में आवास की समस्या पर काफी राहत मिलेगी.