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दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 11 हजार से अधिक शिक्षकों के पद खाली, सबसे ज्यादा मैथ्स के - आरटीआई कार्यकर्ता मुनज्जा

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 11 हजार से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं. सबसे अधिक टीजीटी मैथ्स के लिए 3084 पद खाली हैं. दरअसल, शिक्षा विभाग ने नियमित शिक्षकों की जगह भरने के लिए बड़ी संख्या में गेस्ट टीचरों की ड्यूटी स्कूलों में लगाई है.

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Published : Jan 15, 2023, 3:53 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 11 हजार से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं. सबसे अधिक टीजीटी मैथ्स के लिए 3084 पद खाली हैं. टीजीटी नेचुरल साइंस के लिए 2588, टीजीटी अंग्रेजी 2053, टीजीटी हिंदी 1089, टीजीटी पंजाबी 82, टीजीटी संस्कृत 1038, टीजीटी सोशल साइंस 1504, टीजीटी उर्दू 339 पद खाली हैं. हालांकि, बंगाली विषय के लिए एक भी पद खाली नहीं है. जानकारी दिल्ली सरकार की शिक्षा विभाग द्वारा दी गई है.

दरअसल, एक समाजिक कार्यकर्ता द्वारा आरटीआई लगाई गई. इसमें पूछा गया कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अब तक कितने शिक्षकों के पद खाली हैं. इस पर विभिन्न विषय में खाली पदों की लिस्ट शिक्षा विभाग ने जारी की है. आरटीआई के जवाब में जारी यह आंकड़े 13 दिसंबर 2022 तक के हैं.

गेस्ट टीचर इनकी जगह तैनातःशिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने स्पष्ट किया कि खाली पदों की संख्या का मतलब यह नहीं है कि स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं. शिक्षा विभाग ने नियमित शिक्षकों की जगह भरने के लिए बड़ी संख्या में गेस्ट टीचरों की ड्यूटी स्कूलों में लगाई है. इनकी संख्या 20 हजार से अधिक है. हालांकि, जब नियमित तौर पर रेगुलर टीचरों के पद भरे जाएंगे, तब इन गेस्ट टीचरों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा.

जल्द पदों को भरना चाहिएःआरटीआई कार्यकर्ता मुनज्जा ने कहा कि आरटीआई डेटा से पता चलता है कि बड़ी संख्या में शिक्षक के पद अभी भी खाली हैं. उक्त रिक्तियों को डीएसएसएसबी द्वारा जल्द से जल्द भरना चाहिए. डीएसएसएसबी द्वारा दिल्ली के सरकारी स्कूलों में रेगुलर शिक्षकों की भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाता है.

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गवर्मेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन (जीएसटीए) के वेस्ट ए के सचिव संत राम ने बताया कि पद खाली हो तो अलग बात है, यहां तो पदासीन भी शिक्षण कार्य के लिए उपलब्ध नहीं हैं. ज्यादातर शिक्षक गैर शैक्षणिक गतिविधियों में लगाए गए हैं, कुछ सेमिनार में, कुछ प्रतियोगिता में विद्यार्थियों के साथ चले जाते हैं. फिर भी रिक्त पदों पर गेस्ट टीचर रखे हुए हैं, जिनमें से काफी को अब जाना पड़ रहा है. उनकी जगह मध्य सत्र में दूसरे शिक्षक आ रहे हैं, गेस्ट टीचर्स के बदले भी गेस्ट टीचर ही आए हैं.

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