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मोहम्मद जुबैर का विवादित ट्वीट मामला, एनसीपीसीआर ने दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट पर उठाए सवाल - एनसीपीसीआर ने दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट पर उठाए सवाल

विवादित ट्वीट मामले में मोहम्मद जुबैर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) ने दिल्ली हाईकोर्ट में एफिडेविट फाइल कर दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट पर सवाल उठाया है.

Mohammad Zubair controversial tweet case
Mohammad Zubair controversial tweet case

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Published : Oct 11, 2022, 2:06 PM IST

Updated : Oct 11, 2022, 3:07 PM IST

नई दिल्ली: विवादित ट्वीट मामले में मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair Controversial Tweet) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) ने दिल्ली हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं.

एनसीपीसीआर ने कहा कि जुबैर के ट्वीट ने पोक्सो एक्ट और आईटी एक्ट का उल्लंघन किया है. हलफनामा में दिल्ली पुलिस को दोबारा जांच करने के निर्देश दिए जाने की मांग की गई है. दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले में 7 दिसंबर को सुनवाई करेगा. जुबैर के खिलाफ मामला जगदीश सिंह नाम के एक यूजर के अपमानजनक संदेश के जवाब में उनके ट्वीट से जुड़ा है.

जुबैर ने अपने ट्वीट में सिंह को ट्रोल होने के लिए बुलाया था और उनकी प्रदर्शन तस्वीर को री-ट्वीट किया था, जिसमें उनकी बेटी को दिखाया गया था. हालांकि बेटी की तस्वीर को धुंधला कर दिया गया था.

ट्वीट में लिखा गया, 'नमस्कार जगदीश सिंह, क्या आपकी प्यारी पोती को सोशल मीडिया पर लोगों को गाली देने के आपके पार्ट टाइम जॉब के बारे में पता है? मेरा सुझाव है कि आप अपनी प्रोफाइल तस्वीर बदल लें.' एक महीने बाद, ट्विटर पर एक नाबालिग लड़की को कथित रूप से धमकी देने और प्रताड़ित करने के लिए उसके खिलाफ दिल्ली और रायपुर में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO अधिनियम) के तहत दो प्राथमिकी दर्ज की गईं.

दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली पुलिस ने मई मेंउच्च न्यायालयमें एक हलफनामा दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि ट्वीट कोई संज्ञेय अपराध नहीं है. अब एनसीपीसीआर ने एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली पुलिस की तरफ से दी गई जानकारी स्पष्ट रूप से दिखाती है कि जुबैर जांच से बचने की कोशिश कर रहा है और इसलिए, यह प्रस्तुत करना कि कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनाया गया था, यह भी गलत है.

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बाल अधिकार संरक्षण निकाय ने कहा कि जुबैर ने अपने ट्वीट के माध्यम से आईटी अधिनियम के प्रावधानों के साथ-साथ पॉक्सो अधिनियम का भी उल्लंघन किया है और इसलिए, दिल्ली पुलिस को उसके खिलाफ गहन जांच करने और प्राथमिकता पर इसे पूरा करने का निर्देश दिया जाना चाहिए. हलफनामे में कहा गया है कि इस तथ्य को जानने के बाद भी कि नाबालिग के खिलाफ उसकी पोस्ट पर कई टिप्पणियां की जा रही थीं, जो अभद्र और यौन प्रकृति की थीं, जुबैर ने न तो ट्वीट को हटाने की कोशिश की और न ही संबंधित अधिकारियों को उन उपयोगकर्ताओं के बारे में सूचित किया जो उनकी दुर्भावना का संकेत देते थे.

प्रतिक्रिया में कहा गया है कि याचिकाकर्ता (जुबैर) ने प्रथम दृष्टया पोक्सो अधिनियम, 2012 की धारा 19 के प्रावधान का भी उल्लंघन किया है. एनसीपीसीआर ने कोर्ट को बताया कि उत्पीड़न और नाबालिग का ऑनलाइन पीछा करने वाला यह मामला एक गंभीर समस्या है, जो ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के व्यापक उपयोग के माध्यम से उत्पन्न हुई है. कोर्ट ने इस मामले को 7 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया है.

Last Updated : Oct 11, 2022, 3:07 PM IST

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