नई दिल्लीः उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिकों में मरीजों के अलग-अलग तरह के फर्जी टेस्ट करने के मामले में ने गुरुवार को सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी. इसके बाद दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. दिल्ली में 500 से ज्यादा मोहल्ला क्लिनिक संचालित हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए जाते हैं.
लेकिन, घोटाला करने के लिए बिना मरीजों के ही लाखों की संख्या में फर्जी सैंपल दोनों लैब कंपनियों (सरकार द्वारा अधिकृत) के सेंटरों पर भेज दिए गए. उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा जारी की गई इस घोटाले से संबंधित रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिकों पर आने वाले मरीजों के सैंपल की जांच के लिए दो निजी लैब कंपनियों एम/एस एजिलस डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड और एम/एस मेट्रोपोलिस हेल्थ केयर लिमिटेड के साथ करार किया है. इसलिए राजधानी के सारे मोहल्ला क्लिनिकों के मरीजों के सैंपल इन्हीं दो कंपनियों की लैब पर जाते हैं.
इसके चलते दक्षिण पश्चिम, शाहदरा और उत्तर पूर्वी जिलों के मोहल्ला क्लिनिकों से फर्जी मरीजों के सैंपल इन दोनों कंपनियों की लैब में जांच के लिए भेज दिए गए. साथ ही इन फर्जी सैंपलों की जांच का पैसा भी सरकारी खजाने से इन लैब कंपनियों को भुगतान कर दिया गया. मोहल्ला क्लिनिकों से जुलाई से सितंबर तक तीन महीने में ही छह लाख छह हजार 837 फर्जी सैंपल भेजे गए.