नई दिल्ली: मेगा पीटीएम के बाद दिल्ली नगर निगम अब अपने स्कूलों में 11 मई से "मिशन बुनियाद" कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है. इसके तहत तीसरी से लेकर पांचवीं कक्षा के बच्चों के बीच मैथ और इंग्लिश को लेकर डर को खत्म करने के लिए इन विषयों की क्लासेज दी जाएंगी. बच्चों के लिए 31 मई तक सुबह साढ़े सात बजे से 11 बजे तक कक्षाएं चलेंगी.
दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री और मेयर ने इसके लिए "मिशन बुनियाद" योजना शुरू की है. मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तरह ही एमसीडी के स्कूलों में भी बदलाव किया जाएगा. इसके लिए एमसीडी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के सहयोग की जरुरत पड़ेगी. ये शिक्षक ही एमसीडी स्कूलों में पढ़ने वालों छात्रों के अंदर से डर का माहौल खत्म कर सकते हैं और एक बेहतर माहौल बना सकते हैं.
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उन्होेंने कहा कि जिस तरह से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को विदेश भेजा गया है, आने वाले समय में एमसीडी स्कूलों के शिक्षकों को भी विदेश भेजा जाएगा. एमसीडी स्कूलों के शिक्षक भी विदेश में बेहतर ट्रेनिंग ले सकते हैं. इस ट्रेनिंग के बाद शिक्षक बच्चों की बुनियादी शिक्षा को और मजबूत करेंगे. लेकिन इसके उलट दिल्ली नगर निगम शिक्षक संघ के महासचिव राम निवास सोलंकी का कहना है कि सरकार मिशन बुनियाद के नाम पर छुटिट्यों में बच्चों का बचपन छीन रही है. यह समय बच्चों की छुटि्टयों का होता है. बच्चे गर्मियों की छुटिटयों में घूमने जाते हैं, ऐसे में गर्मी में बच्चों को स्कूल बुलाना सही नहीं है. एमसीडी की यह योजना कितना कारगर साबित होगी यह आने वाला वक्त बताएगा.
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