नई दिल्ली:भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेन में अकेली सफर कर रही महिलाओं की मदद के लिए आरपीएफ ने अक्टूबर 2020 में मेरी सहेली नाम से एक पहल शुरू की है. यह टीम अकेले सफर कर रही महिलाओं की सुरक्षा से लेकर सुविधा तक के लिए लिए हाजिर रहती है. दिल्ली में मेरी सहेली की छह टीमें काम करती हैं. ये टीमें नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन, आनंद विहार और गाजियाबाद समेत अन्य रेलवे स्टेशन पर रहती हैं. इसके अतिरिक्त ट्रेन के अंदर भी आरपीएफ के कर्मचारियों की ड्यूटी रहती है. वर्ष 2020 से अब तक आरपीएफ के जवानों ने 3 लाख 27 हजार से अधिक महिलाओं की मदद की है.
कैसे काम करती है टीम:आरपीएफ पेसेजंर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) से डेटा लेता है कि ट्रेन के किस सीट पर अकेली महिला यात्री या किसी बच्चे के साथ महिला सफर कर रही है. सफर के दौरान आरपीएफ की मेरी सहेली टीम जाकर उनसे जानकारी लेती है कि उन्हें सुरक्षा या सुविधा को लेकर कोई परेशानी तो नहीं है. इस तरह ट्रेन में सफर के दौरान महिलाओं की सुरक्षा पुख्ता की जा रही है. मदद के साथ आरपीएफ ने ट्रेन व रेलवे परिसर में आपात स्थिति में महिला की डिलीवरी तक कराई है. बीते 6 सितंबर को इस टीम ने आदर्श नगर रेलवे स्टेशन पर महिला को प्रसव पीड़ा होने पर महिला उप निरीक्षक राज कुमारी व स्टाफ द्वारा रात 20:40 बजे प्लेटफार्म एक पर पहुंच कर महिला को फुट ओवर ब्रिज के नीचे अन्य महिला यात्रियों के सहयोग से सुरक्षित डिलीवरी कराई.
बीते 15 अगस्त को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उपनिरीक्षक मीनाक्षी को सूचना मिली की गाड़ी संख्या 12225 में जनरल कोच में एक महिला यात्री है जो कि प्रसव पीड़ा में है. सूचना मिलने पर उक्त उपनिरीक्षक सीमा स्टाफ के साथ तुरंत मौके पर पहुंची तो ट्रेन के यात्री गंगा यादव ने बताया कि जब गाड़ी यमुना पुल के ऊपर थी, तब महिला ने एक बेटे को जन्म दिया था. महिला अकेली यात्रा कर रही थी. उक्त महिला का पति भी मौके पर प्लेटफार्म पर आया.